बिहार में नदियां उफनाई, संकट बढ़ा, तटबंध ध्वस्त, अब तक 119 मरे

Last Updated 18 Aug 2017 06:17:15 AM IST

बिहार के 14 जिलों में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार हो रही बारिश से गंगा, गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा, घाघरा एवं बागमती सहित कई नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं.


बेतिया में बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लेते मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री

जिसके कारण इन जिलों में स्थिति और भयावह हो गयी है. शुक्रवार को इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने की आशंका जतायी गयी है. शुक्रवार तक सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में वर्षा होने की भी संभावना है. 

गोपालगंज में पानी के दबाव से तटबंध ध्वस्त
केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त सूचना के अनुसार,बृहस्पतिवार को  गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर थाने के बंगरा गांव के पास बाढ़ के पानी के दबाव से तटबंध टूट गया. नतीजतन नये गांवों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. नदी के पानी से एनएच-28 की हालत भी बिगड़ चुकी है. कटिहार से प्राप्त सूचना के अनुसार शहर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिससे लोगों में हाहाकार मच गया है. कमोबेश ऐसी ही स्थिति बाढ़ से प्रभावित अन्य जिलों की भी बनी हुई है. हालांकि सरकार की ओर से राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है.

केन्द्रीय जल आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार बृहस्पतिवार को गंगा नदी साहेबगंज, भागलपुर, हाथीदह, गांधीघाट और फरक्का में खतरे के निशान से उपर बह रही थी. शुक्रवार को इसके जलस्तर में बढ़ोतरी की आशंका जतायी गयी है. इसी तरह कोसी नदी का जलस्तर बलतारा, बसुआ और कुरसेला में खतरे के निशान से क्रमश: 225, 61 और 03 सेंटीमीटर ऊपर था.

बागमती नदी बेनीबाद में खतरे के निशान से 92 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी, जबकि गंडक नदी डुमरिया घाट में खतरे के निशान से 188 सेंटीमीटर ऊपर थी. बूढी गंडक लालबगिया घाट में खतरे के निशान से 100 सेंटीमीटर ऊपर थी.  पुनपुन नदी का जलस्तर श्रीपालपुर में खतरे के निशान से 62 सेंटीमीटर नीचे था. इसके जलस्तर में शुक्रवार तक 65 सेंटीमीटर की वृद्वि होने की आशंका है.

राहत में कोताही बर्दाश्त नहीं : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बृहस्पतिवार को गोपालगंज, बगहा, बेतिया, रक्सौल तथा मोतिहारी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सव्रेक्षण कर जायजा लिया. बेतिया अतिथिगृह में मुख्यमंत्री ने डीएम और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात की जानकारी ली. 

उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य तेज गति से चलाने का निर्देश दिया. सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता में कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.

मुख्यमंत्री ने बेतिया नगर भवन में पीड़ितों के लिए पैक की जा रही राहत और खाद्य सामग्री का निरीक्षण भी किया. पटना वापस आने पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि कई क्षेत्रों में स्थिति काफी विकराल है. कई ऐसे इलाके हैं, जहां पहली बार बाढ़ आई है. तत्काल युद्धस्तर पर बचाव व राहत कार्य चलाने, फूड पैकेट वितरित करने का निर्देश दिया गया है. पूर्वी चम्पारण के सुगौली, बंजरिया व आदापुर में स्थिति गंभीर है.  इलाकों में अतिरिक्त नाव और पॉलिथीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है.

5.5 लाख लोग बेघर अब तक 119 मरे
सूबे के 14 जिलों में पल्रयंकारी बाढ़ की चपेट में आने से अब तक 119 लोगों की जानें जा चुकी हैं. साढ़े पांच लाख से अधिक लोग बेघर हो गये हैं. इनमें 2.13 लाख लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है. राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बाढ़ में अब तक सबसे अधिक मौत अररिया जिले में हुई है.

वहीं, सीतामढ़ी में 12, किशनगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और सुपौल जिले में 11-11, मधुबनी और कटिहार में सात-सात, पूर्णिया एवं मधेपुरा जिले में पांच-पांच, सहरसा और दरभंगा में चार-चार, खगड़िया एवं गोपालगंज में तीन-तीन तथा शिवहर जिले में दो लोगों की मौत हुई है.

उधर, विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बृहस्पतिवार को बताया कि 93 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. पीड़ितों को हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है.  पीड़ितों के लिए बनाये गये कॉम्युनिटी किचेन में तीन लाख से ज्यादा लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

अब तक तीन लाख उनसठ हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए 633 राहत शिविर खोले गए हैं, जिनमें दो लाख तेरह हजार लोग रह रहे हैं. पीड़ितों को भोजन के लिए 1112 कॉम्युनिटी किचेन की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि फिलहाल राहत के तौर पर लोगों को चूड़ा इत्यादी का पैकेट दिया जा रहा है.

समयलाइव डेस्क


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