नीतीश ने बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश किया
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल के नेता नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मिलकर बिहार में सरकार बनाने का दावा पेश किया.
भाजपा-जदयू विधायकों की साझा बैठक में भाग लेते नीतीश कुमार और सुशील मोदी. |
श्री कुमार ने यहां राजग के घटक भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी, भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव एवं डॉ. प्रेम कुमार और हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी सहित घटक दल के विधायकों के साथ राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया.
राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर लौटने के बाद हालांकि श्री नीतीश कुमार ने मीडिया से कुछ नहीं कहा लेकिन राजग के घटक भारतीय जनता पार्टी विधानमंडल दल के नेता सुशील कुमार मोदी ने संवाददाताओं से कहा कि राजग की ओर से 132 विधायकों का समर्थन पा राज्यपाल को सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि श्री कुमार कल सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधायक दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को राजद की ओर से सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से कल 11 बजे का वक्त मिल गया था. लेकिन, श्री कुमार के शपथ ग्रहण के समय में अचानक हुये बदलाव के बाद अब राजद एवं समर्थक दल के विधायक राजभवन का मार्च कर रहे हैं.
श्री यादव ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कहा कि बिहार में सबसे अधिक विधायकों (80) वाली पार्टी होने के कारण राजद सरकार बनाने का दावा पेश करेगी.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एवं निर्दलीय के साथ ही जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के उन विधायकों का भी राजद को समर्थन प्राप्त है जिन्होंने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ चुनाव जीता था.
नीतीश ने क्या कहा
► मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी और उसके बाद ही पद छोड़ने का फैसला किया
► मौजूदा परिस्थिति में मेरे लिए काम करना मुश्किल था
► तेजस्वी यादव के मसले पर आम लोगों के बीच सफाई देना जरूरी हो गया था
► मुझसे जितना संभव हो सका, मैंने महागठबंधन धर्म का पालन करने की पूरी कोशिश की
► मैं सोच बदल नहीं सकता। मेरी सोच का दायरा अलग है
► मैं अपने काम का तरीका बिल्कुल नहीं बदल सकता
► बिहार के हित में जो होगा करेंगे
► मैंने अपनी जगह त्यागी
► राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद चाहते थे कि मैं उन्हें संकट से निकालूं, लेकिन ये संकट उनके खुद का लाया गया था
► मैं गलत तरीके से धन संपत्ति अर्जित करने के खिलाफ हैं
► मैं विपक्षी एकता का पक्षधर हूं, पर एजेंडा साफ हो
लालू के आरोप
► नीतीश हत्या के आरोपी हैं।
► जीरो टोलरेंस वाले पर 302 का केस है
► 1991 में हत्या का केस लगा
► यह नीतीश के चुनाव आयोग में दिये हलफनामे में है
► भ्रष्टाचार से बड़ा है अत्याचार
► केस को स्टे कराया गया है
► उस जज को प्रताड़ित किया गया, जिसकी कोर्ट में यह केस चला
► अब हाई कोर्ट में चल रहा है
► नीतीश को यह मालूम हो गया था कि वह इस केस में बचने वाले नहीं हैं
► इसमें उन्हें उम्रकैद या फांसी की भी सजा हो सकती है
► इसलिए नीतीश ने भाजपा के साथ सांठ गांठ कर महागठबंधन को तोड़ दिया
► नीतीश ने इस्तीफा दिया, दुख हुआ। क्योंकि राज्य की जनता ने पांच साल के लिए जनादेश दिया था
► नीतीश अगर सांप्रदायिक ताकतों के संपर्क में नहीं हैं तो जदयू, राजद, कांग्रेस के विधायकों की बैठक बुलाकर नया नेता चुनें
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