रेलवे की भूमि पर बनेंगे 50 केन्द्रीय विद्याल&

Last Updated 16 Feb 2010 08:03:05 PM IST


रेलवे और एचआरडी के बीच बनी सहमति नयी दिल्ली। रेलवे की अतिरिक्त पड़ी भूमि पर स्कूल, डिग्री कालेज और तकनीकी संस्थान स्थापित करने के लिए आज केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने रेल मंत्रालय के साथ हाथ मिलाया। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और रेल मंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में दोनों मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने देशभर में रेलवे की भूमि पर शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकसित करने के संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर सिब्बल ने संवाददाताओं को बताया कि देशभर में रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर ग्यारहवीं योजना के दौरान 20 केन्द्रीय विद्यालय स्थापित किए जायेंगे और अगली पंचवर्षीय योजना में इस तरह के 30 और विद्यालयों की स्थापना की जायेगी। इसके लिए रेलवे मुफ्त में जमीन उपलब्ध करायेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय विद्यालयों के अलावा आने वाले समय में रेलवे की जमीन पर नवोदय विघालय की तर्ज पर आवासीय विद्यालय, माडल डिग्री कालेज और राष्ट्रीय महत्व के तकनीकी एवं प्रबंधन संस्थान भी स्थापित किये जायेंगे। इससे रेलवे के कर्मचारियों के साथ साथ देश की बाकी जनता को भी लाभ होगा। सिब्बल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि ऐसे संस्थानों की स्थापना में सार्वजनिक निजी भागिदारी (पीपीपी) का भी सहारा लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों के समूह की सिफारिशों के आधार पर बाकी चीजें तय की जायेंगी। रेल मंत्री ने बताया कि इस बारे में विस्तृत ब्यौरा तैयार करने के लिए दोनों मंत्रालय के अधिकारियों का एक वर्किंग ग्रुप बनेगा जो रेलवे की अतिरिक्त भूमि की पहचान और उनके आवंटन सहित बाकी चीजें तय करेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे के करीब 14 लाख कर्मचारी है और इस तरह के संस्थानों की स्थापना से रेल कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को लाभ मिलेगा। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक पहल बताते हुए कहा कि रेलवे की भूमि पर शैक्षणिक संस्थान विकसित करने के बारे में प्रस्ताव रेलवे के कर्मचारी संगठनों की आ॓र से आया था। रेलवे ने इससे पहले रेलवे की जमीन पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधायें विकसित करने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से भी इसी तरह का एक समझौता किया है।



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