ICSE Class 10th, ISC Class 12th Results 2025: ICSE 10वीं और 12वीं का रिजल्ट का जारी, लड़कियों ने फिर मारी बाजी

Last Updated 30 Apr 2025 03:13:24 PM IST

काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने आईसीएसई और आईएससी का रिजल्ट बुधवार को घोषित कर दिया। इस बार का रिजल्ट 99 प्रतिशत से अधिक रहा है। सीआईएससीई ने छात्र-छात्राओं को सफलता पर बधाई दी है।


आईसीएसई (कक्षा 10वीं) का रिजल्ट 99.09 फीसदी रहा, जबकि आईएससी (कक्षा 12वीं) का रिजल्ट 99.02 फीसदी रहा है। इस साल के रिजल्ट की खास बात यह रही है कि दोनों ही परीक्षाओं में लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है। आईसीएसई (कक्षा 10वीं) में लड़कियों का पास प्रतिशत 99.37 रहा तो वहीं आईएससी (कक्षा 12वीं) में यह आंकड़ा 99.45 रहा है।

सीआईएससीई ने बताया कि इस साल आईसीएसई कक्षा 10 की परीक्षा 18 फरवरी से 27 मार्च तक और आईएससी कक्षा 12 की परीक्षा 13 फरवरी से 5 अप्रैल तक आयोजित की गई थी। इसके परिणाम आधिकारिक वेबसाइट 'सीआईएससीई डॉट ओआरजी' पर जाकर देखा जा सकता है।

सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी और सचिव डॉ. जोसेफ इमैनुएल ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन ने 10वीं और 12वीं परीक्षाओं के परिणाम बुधवार सुबह 11 बजे घोषित किए। आईसीएसई (कक्षा 10वीं) का रिजल्ट 99.09 फीसदी रहा, जबकि आईएससी (कक्षा 12वीं) का रिजल्ट 99.02 फीसदी रहा है।

उन्होंने कहा, "इस बार का रिजल्ट काफी अच्छा रहा है। कक्षा 10वीं और 12वीं के नतीजों ने एक बार फिर अपनी उत्कृष्टता की परंपरा को कायम रखा है। इन परिणामों से पता चलता है कि टीचर और पैरेंट्स का बच्चों की सफलता में काफी योगदान रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "इस साल सीआईएससीई ने कई तकनीकी और नीतिगत बदलाव किए, जिससे परीक्षा प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनी। मैं सभी बच्चों को उनकी सफलता के लिए बधाई देता हूं।"

जमशेदपुर की शांभवी आईसीएसई 10वीं की बनी नेशनल टॉपर, बताया, 'छोटे-छोटे लक्ष्य बनाकर करती थी पढ़ाई'

झारखंड के जमशेदपुर स्थित लॉयला स्कूल की छात्रा शांभवी जायसवाल ने आईसीएसई 10वीं की परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक के साथ नेशनल टॉपर बनने का गौरव हासिल किया है।  

शांभवी के माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। बुधवार को जब शांभवी को अपने स्कूल से रिजल्ट की सूचना मिली, तो उसे और उसके माता-पिता किसी को पहली बार में उसके नेशनल टॉपर बनने की खबर पर यकीन नहीं हुआ। शांभवी की इस शानदार सफलता पर घर से लेकर स्कूल तक खुशियों की लहर दौड़ पड़ी।

शांभवी ने अपनी सफलता का श्रेय स्कूल के शिक्षकों और अपने माता-पिता को दिया है। मीडिया से बात करते हुए शांभवी ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान उसकी मां हमेशा उसके साथ रहीं। उन्होंने हर छोटा-बड़ा डाउट क्लियर करने में मदद की।

वह कहती हैं, ''स्कूल में तो मैं टॉप करती थी, लेकिन ऐसा कभी नहीं सोचा था कि पूरे देश में टॉप करूंगी। मैंने पढ़ाई के दौरान हर दिन छोटे-छोटे लक्ष्य निर्धारित किए और उन्हें पूरा करती गई।''

शांभवी के पिता डॉ. अभिषेक जायसवाल शहर के मेहर बाई टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में रेडियोलॉजी विभाग के हेड हैं, जबकि मां ओजस्वी शंकर मणिपाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट हैं।

शांभवी भविष्य में कंप्यूटर साइंस इंजीनियर बनना चाहती हैं। वह स्कूली स्तर पर वाद-विवाद और बौद्धिक गतिविधियों में लगातार भाग लेती रही है। पेंटिंग में भी उसकी खासी दिलचस्पी है।

शांभवी के माता-पिता के अनुसार, उसने स्कूल की कक्षाओं के बाद पूरी तरह सेल्फ स्टडी पर ध्यान केंद्रित किया। उसने कहीं से कोचिंग या ट्यूशन नहीं ली।

शांभवी के पिता डॉ. अभिषेक ने कहा कि हमें भी विश्वास नहीं था कि बेटी हमें और हमारे परिवार को इतनी बड़ी खुशी देगी। वह इसे ईश्वर की कृपा मानते हैं कि शांभवी ने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखा और उसे मेहनत के अनुरूप सफलता मिली।

लॉयला स्कूल के प्रिंसिपल फादर विनोद फर्नांडिस एसजे ने इसे स्कूल के इतिहास का गौरवशाली क्षण बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि शांभवी की सफलता अन्य छात्र-छात्राओं के लिए प्रेरणा साबित होगी।



इस बार आईसीएसई (कक्षा 10वीं) में 2,52,557 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी, जबकि आईएससी (कक्षा 12वीं) की परीक्षा में 99,551 छात्र-छात्राएं शामिल हुईं थीं। आईसीएसई में कुल 2,803 और आईएससी की परीक्षाओं में 1,460 स्कूलों ने हिस्सा लिया था।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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