ज्योति बसु नहीं रहे : सन् 1914-2010

Last Updated 17 Jan 2010 12:20:10 PM IST


वयोवृद्ध मार्क्‍सवादी नेता तथा पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु नहीं रहे। वह 95 वर्ष के थे। लंबी बीमारी के बाद उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। शनिवार को भी अति नाजुक बनी रही। उनकी देख-रेख में लगे चिकित्सकों ने कहा कि उनके सभी महत्वपूर्ण अंग जवाब दे गए थे। उन्हें पूरी तरह वेंटीलेटर पर रखा गया था। माकपा के वरिष्ठ नेता विमान बोस ने कहा, ज्योति बसु नहीं रहे। 23 वर्षों तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे दिवंगत नेता के सम्मान में पार्टी कार्यालय का ध्वज झुका दिया गया। कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल के चिकित्सकों के मुताबिक बसु ने सुबह 11.47 बजे आखिरी सांस ली। वर्ष 1964 में माकपा की स्थापना करने वाले पोलित ब्यूरो के नौ सदस्यों में अंतिम बसु को शनिवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 'भारत का महान सपूत' करार दिया था। बसु को गत एक जनवरी को साल्टलेक स्थित एएमआरआई अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कोलकाता में 1914 में जन्मे बसु 1977 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बने और 23 वर्षो तक इस पद पर आसीन रहे। नवंबर 2000 में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने यह पद त्याग दिया था। उन्हें सबसे लंबे अर्से तक देश के किसी राज्य का मुख्यमंत्री रहने का गौरव हासिल है। उनके निधन का समाचार फैलते ही हर तरफ शोक की लहर फैल गई। दिवंगत नेता के सम्मान में पार्टी के सभी कार्यालयों के ध्वज झुका दिए गए। गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने एएमआरआई अस्पताल के बाहर संवाददाताओं को बताया, हमें अभी-अभी ज्योति बसु के निधन का दुखद समाचार मिला है। उन्हें प्रेम से ज्योति बाबू कहकर पुकारा जाता था। चिदंबरम ने कहा, वह एक महान विभूति थे जो दशकों तक भारतीय राजनीति के पटल पर विद्यमान रहे। वह पश्चिम बंगाल के ही नहीं, बल्कि भारत के नेता थे। वह महान देशभक्त, महान लोकतांत्रिक नेता और प्रेरणा के महान स्रोत थे। उन्होंने भारतीय जनता की बेहतरीन सेवा की। एएमआरआई अस्पताल के सूत्रों के अनुसार उनका आज निधन हो गया। आज सुबह से उनके शरीर में पानी जमा होना शुरू हो गया था। बीती रात से उन्हें अस्थायी पेसमेकर लगाया गया था और उनके अधिकांश अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। एएमआरआई अस्पताल के अधीक्षक देबाशीष शर्मा ने बताया बीती रात उनकी हालत काफी बिगड़ गयी और उनके दिल के धड़कने की दर कम होकर 50 से नीचे चली गई थी। इसके तत्काल बाद अस्थायी पेसमेकर लगाया गया। ज्योति बसु को एक जनवरी को निमोनिया के चलते एएमआरआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था।



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