प्रसिद्ध है बस्तर की चीटियों की स्वादिष्ट चापड़ा चटनी
आप और हम जो पेड़ों का पका हुआ आम खाते हैं उसका स्वाद चखने के लिए हजारों की संख्या में लाल चीटियां आम के पेड़ों पर अपना डेरा डाले रहती हैं और बस्तर में इन चीटियों की स्वादिष्ट चटनी बनती है जिसे आदिवासी समाज बहुत स्वाद लेकर ग्रहण करता है।
![]() छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस स्वादिष्ट चटनी का आनंद लिया। |
इन दिनों बस्तर के सघन दौरे पर गए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस स्वादिष्ट चटनी का आनंद लिया। यह चटनी बनाने वाले पर्यटकों के लिए खास आकषर्ण होती है। यह हाट बाजारों में सबसे ज्यादा बिकती है जो चापड़ा चटनी के नाम से प्रसिद्ध है। बस्तर का है सबसे खास व्यंजन है यह।
बारसूर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामलाल नेगी के घर भोजन ग्रहण किया। इस मौके पर उन्होंने बस्तर के हाट बाजार का सबसे चर्चित पकवान चापड़ा चटनी खाया। चापड़ा चटनी बहुत स्वादिष्ट होती है और इसमें औषधीय गुण भी होते है। चापड़ा चटनी आम के पेड़ के पत्तों में रहने वाली चीटियों से बनाई जाती है।
बस्तर में आने वाले पर्यटकों का एक आकषर्ण चापड़ा चटनी के लिए भी होता है।
सीएम ने इसके साथ ही छिंदाड़ी भी चखी। यह छिंद की एक विशेष किस्म की चटनी होती है। पूरे बारसूर क्षेत्र में छिंद के पेड़ बहुत पाए जाते है, जिसकी चटनी काफी प्रचलित है।
इसके साथ ही मीठे में तीखूर बर्फी परोसा गया। इड़हर की सब्जी को इस क्षेत्र में सैगोड़ा कहा जाता है, यह कोचई (अरवी) के पत्ते से बनाई जाती है, यह भी परोसा गया। इसी प्रकार जोंदरा (मक्का) का पेज भी परोसा गया। उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र के ग्रामीण छिंद से गुड़ भी निकालते है।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि बस्तर में यहां का अलग-अलग तरह का पारम्परिक खाना खा रहा हूं मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि आपके खान-पान में इतनी विविधता है। मुख्यमंत्री ने भोजन ग्रहण के पश्चात उनके परिजनों को भोजन के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें उपहार भेंट किया।
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