गोबर से दीये बनाना सिखाकर बनाया आत्मनिर्भर

Last Updated 02 Jan 2022 03:08:45 AM IST

देश में बेरोजगारी का सामना करने वालों के लिए एक उम्मीद की किरण जगाई है शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ अप्लाइड साइंस फोर वूमेन की छात्राओं ने।




गोबर के दीये व अन्य वस्तुएं बनाने की कला सिखाकर बनाया आत्मनिर्भर

उन्होंने बेरोजगार गोबर से दीये बनाना सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया और रोजगार का एक विकल्प मुहैया कराया।

कॉलेज की प्राचार्य प्रो. पायल मागो ने बताया कि हमने सुगव्य प्रोजेक्ट के तहत यह पहल की है। कॉलेज की एनेक्टस सोसायटी की छतछ्राया में संचालित परियोजना इस विचार पर आधारित है कि गाय से जो कुछ भी मिलता है वह किसी न किसी रूप में हमारे लिए लाभदायक होता है।

इस विचार के साथ हमने नोएडा स्थित श्री जी गौसदन में दूध देने में असमर्थ लगभग पंद्रह सौ से अधिक गायों के गोबर से इस परियोजना की शुरुआत की। परियोजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों एवं बेरोजगारों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करना था।

इस योजना के तहत कॉलेज की छात्राओं की टीम ने पहले गाय के गोबर के दीये कैसे बनाएं, इस पर शोध किया, उसके बाद गोशाला जाकर लोगो को दिए बनाना सिखाया। प्रो. मागो ने बताया कि सुगव्य प्रोजेक्ट ने कई महिला प्रवासी कर्मचारियों को रोजगार दिया, जिन्होंने महामारी के दौरान अपनी नौकरी खो दी थी। उन्हें ग्लास क्लीनर, फिनाइल और खाद बनाने में मदद की।

 हम उन्हें दीया, खाद आदि बनाने में भी निपुण बना रहे हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रहे हैं। एनेक्टस सोसायटी की कन्वीनर तनुषा जैन ने कहा कि प्राचार्य प्रो. पायल के निरीक्षण में परियोजना सुगव्य ने सफलतापूर्वक आशा की किरण फैलाकर कार्य किया है और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की बेहतरी के लिए प्राकृतिक विकल्पों की ओर मुड़कर समाज में बदलाव लाने का संदेश दिया है। एनेक्टस के माध्यम से हम बहुत से लोगों के जीवन में विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक प्रभाव पैदा करने में सक्षम रहे हैं।  

 

सहारा न्यूज ब्यूरो/राकेश नाथ
नई दिल्ली


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