..जब ड्रोन से होगी घर पर सामान की डिलीवरी

Last Updated 11 Jan 2020 11:32:37 AM IST

देश में अगला दशक ड्रोन क्रांति का होगा। वह दिन दूर नहीं है जब दूरदराज के गांवों में जीवनरक्षक दवांए पहुंचाने, खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने तथा सामान की होम डिलीवरी भी ड्रोन करते दिखाई देंगे।


देश के ड्रोन उद्योग ने खेतों में कीटनाशक छिड़काव, दूरस्थ क्षेत्रों में जीवनरक्षक दवाएं पहुंचाने व सामान की होम डिलीवरी आदि तमाम सेवाओं के लिए ड्रोन तैयार कर लिये हैं।

ई-कामर्स कंपनियों ने भी ड्रोन से सामान डिलीवरी करने की दिशा में परीक्षण शुरू कर दिया है। ड्रोन सेवाओं को यदि केंद्र की हरी झंडी मिलती है तो वह दिन दूर नहीं जब होम डिलीवरी से लेकर अन्य अनेक सेवाएं ड्रोन ही करते दिखाई देंगे।

भारत में ड्रोन सेवाओं को अभी आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी गई है लेकिन विस्व के कई ऐसे देश हैं जहां ड्रोन के जरिए तमाम तरह की सेवाएं दी गई हैं। भारत में ड्रोन उद्योग तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है। देश में ड्रोन बनाने की करीब 30 बड़ी कंपनियां हैं। पिछले दस वर्ष में इस उद्योग में 300 से अधिक स्टार्टअप आ गए हैं। पिछले पांच वर्ष में भारत के ड्रोन उद्योग ने भिन्न भिन्न तरह के ड्रोन विकसित कर लिये हैं जो आज रक्षा, सर्विलांस, खनन आदि के तमाम क्षेत्रों में सरकार को सहायता पहुंचा रहे हैं। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नागर विमानन मंत्रालय तथा नागर विमानन महानिदेशालय ने ड्रोन को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस संबध में नियम व दिशा-निर्देश तय किए जा रहे हैं।

एग्रीबोट नाम के एक ड्रोन से तो मात्र 5 मिनट में ही एक एकड़ खेती पर कीटनाशकों का छिड़काव हो सकेगा। इस ड्रोन को तो डीजीसीए ने मान्यता भी दे दी है। यह ड्रोन मात्र 5 मिनट में एक एकड़ खेती तथा 8 घंटे में 100 एकड़ से अधिक खेती में कीटनाशकों का छिड़काव करने में सक्षम है।

इस ड्रोन के निर्माता दीपक भारद्वाज ने बताया, डीजीसीए ने न केवल इस ड्रोन को मान्यता दी है बल्कि व्यावसायिक उपयोग की अनुमति भी दे दी है। देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक ले जाने के लिए किसानों को तकनीक से युक्त करने की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम साबित होगा।

ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राहत कुलश्रेष्ठ बताते हैं कि सड़कों व रेलवे के सर्वेक्षण, रक्षा व सुरक्षा के क्षेत्र में भारत में बड़े पैमाने पर ड्रोन का उपयोग हो रहा है लेकिन वह दिन दूर नहीं है जब दूरदराज के गांवों में जीवनरक्षक दवांए पहुंचाने, खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने तथा सामान की होम डिलीवरी भी ड्रोन करते दिखाई देंगे।

ड्रोन उद्योग के साथ मिलकर ई-कामर्स कंपनियों ने परीक्षण शुरू कर दिया है और परीक्षण के नतीजे अत्यंत सकारात्मक हैं। फेडरेशन सरकार के साथ मिलकर कुछ ऐसे दिशा-निर्देश बनाने पर काम कर रही है जिससे ड्रोन का दुरुपयोग न हो। सरकार का रुख सकारात्मक दिखाई दे रहा है। एक बार दिशानिर्देश तय होने के बाद जैसे ही ड्रोन के उपयोग को कानूनी मान्यता मिलेगी तो देश में ड्रोन सेवा के क्षेत्र में एक नई क्रांति दिखाई देगी।
 

संजय टुटेजा
नई दिल्ली


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