रोटी बैंक: गरीब, मजदूर और लाचार लोग इस इस बैंक में पहुंचकर अपनी भूख मिटा रहे हैं
दिल्ली के आजादपुर मंडी के व्यापारी नेता राजकुमार भाटिया ने अपने कुछ मित्रों के साथ करीब डेढ़ साल पहले रोटी बैंक की शुरुआत की.
इस बैंक में नोट की जगह मिलती है रोटी... |
रोटी की कीमत किसी भूखे व्यक्ति से पूछिए. भूखे को एक रोटी का टुकड़ा मिल जाए तो उसकी क्षुधा शांत हो जाती है. इसी क्षुधा को शांत करने के लिए दिल्ली के कुछ उदार लोगों ने टीम बनाकर रोटी बैंक की स्थापना की है, जहां गरीब, मजदूर और लाचार लोग पहुंचकर अपनी भूख मिटा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में रोटी बैंक की शुरुआत कुछ समाजसेवी लोगों ने कुछ वर्ष पहले की है. इसी कांसेप्ट को लेकर दिल्ली के आजादपुर मंडी के व्यापारी नेता राजकुमार भाटिया ने अपने कुछ मित्रों के साथ करीब डेढ़ साल पहले रोटी बैंक की शुरुआत की. यहां जगह-जगह रोटी बैंक के बाक्स लगाए गए. धीरे-धीरे दिल्ली में रोटी बैंक की 24 शाखाएं खुल गई हैं.
आजादपुर मंडी के रोटी बैंक में यहां के व्यापारी, आदर्श नगर के निवासी और मार्डन स्कूल शालीमार बाग के छात्र रोजाना तीन रोटी का पैकट जमा करते हैं. रोटी बैंक खुले करीब 400 दिन हो गए. नोटबंदी के बाद गरीबों का यहां तांता लगा हुआ है. रोजाना सैकड़ों लोग भोजन कर रहे हैं.
रोटी बैंक के संस्थापक राजकुमार भाटिया ने बताया कि जब रोटी बैंक शुरू किया तो 7 पैकेट जमा हुए. धीरे-धीरे इस सामाजिक यज्ञ में काफी लोगों ने योगदान देना शुरू किया. सरकारी अनुदान या वित्तीय सहयोग से रोटी बैंक को चलाने की जरूरत नहीं है. रोटी बैंक में रोटी जमा करने वाले लोग तीन रोटी, सूखी सब्जी या आचार के साथ पैकेट लाते हैं. मंडी में काम करने वाले गरीब मजदूर और उनके बच्चे व अनाथ व्यक्ति यहां पहुंचकर भोजन करते हैं.
भाटिया ने बताया कि डेढ़ साल के भीतर रोटी बैंक की शाखाएं गांधीनगर, लाजपतनगर रिंग रोड, कीर्ति नगर, सुभाष नगर, राजौरी गार्डन, द्वारका, लाजपतनगर, गीता कालोनी, निलौठी एक्सटेंशन, रोहिणी, शाहदरा जैसे इलाके में खुल चुकी है.
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