रूस की अफसर का बुंदेलखंडी छोरे पर दिल आया!
मोहब्बत में भाषा, देश की सीमाएं और हैसियत कोई मायने नहीं रखती.
रूस की अफसर का बुंदेलखंडी छोरे पर दिल आया! |
यही कारण है कि बुंदेलखंड के एक छोटे से गांव के नरेंद्र लोधी पर रूस की अफसर अनस्तस्था मिनिरोवा का दिल आया गया और उसने नरेंद्र को अपना जीवन साथी बना लिया.
दोनों की मुलाकात लगभग तीन वर्ष पूर्व गोवा में हुई, जहां नरेंद्र एक वीयर बार के काउंटर पर बार मैन के तौर पर नौकरी करता था.
सागर जिले के चितौरा-बेरखेड़ी गांव का रहने वाला है नरेंद्र. वह अपर जिलाधिकारी दिनेश श्रीवास्तव के समक्ष मिनिरोवा को लेकर पहुंचा और विवाह के पंजीयन का आवेदन दिया.
नरेंद्र जब मिनिरोवा के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा तो कुछ देर के लिए वहां मौजूद लोग भौंचक रह गए कि आखिर यह विदेशी बाला बुंदेलखंडी युवक के साथ यहां क्यों आई है.
श्रीवास्तव ने गुरुवार को बताया कि नरेंद्र और मिनिरोवा ने विवाह के पंजीयन के लिए आवेदन किया है, साथ में मिनिरोवा ने अपना पासपोर्ट सहित अन्य ब्योरा दिया है. उसके द्वारा सौंपे गए दस्तावेजों की जांच होगी और उसके बाद ही पंजीयन किया जाएगा.
नरेंद्र और मिनिरोवा की मुलाकात को भी एक इत्तेफाक ही माना जाएगा. मिनिरोवा मूलरूप से रूस की निवासी हैं और रशियन पार्लियामेंट हाउस के आर्थिक विभाग (इकॉनामिस्ट डेपार्टमेंट) में अफसर हैं.
तीन वर्ष पहले मिनिरोवा जब गोवा आई थीं तो वीयर बार में उनकी मुलाकात नरेंद्र से हुई थी.
नरेंद्र ने संवाददाताओं को बताया कि दोनों के बीच भाषा बड़ी बाधा थी, मगर उनके बीच टूटी-फूटी अंग्रेजी में बातचीत का दौर शुरू हुआ। मिनिरोवा रूस लौटीं, मगर दोनों के बीच संवाद सोशल मीडिया के जरिए चलता रहा.
इतना ही नहीं, मिनिरोवा इस दौरान भारत भी नरेंद्र से मिलने आईं. उसके बाद मिनिरोवा ने नरेंद्र को मास्को बुलाया और अगस्त में दोनों ने विधिवत शादी कर ली.
मिनिरोवा अपने साथ नरेंद्र को रूस ले जाना चाहती हैं. उनका कहना है कि भारत और रूस में उसे कोई फर्क नहीं लगता. सिर्फ जलवायु में फर्क है, बाकी सब एक जैसा ही है. वह नरेंद्र के साथ रूस जरूर जाएंगी, मगर भारत आना-जाना बना रहेगा.
नरेंद्र हिंदू और मिनिरोवा इसाई हैं. उन्होंने स्वीकार कि दोनों के धर्म अलग-अलग हैं, मगर उनके रिश्तों में इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
नरेंद्र के परिवार की माली हालत अच्छी नहीं है. परिवार के लोग मजदूरी करते हैं. परिवार में माता-पिता के अलावा भाई व बहन भी हैं. मिनिरोवा को वह अपने परिवार से मुलाकात कराने गांव भी ले गया.
| Tweet |