कोल्ड ड्रिंक भी पीता है लाखों का बकरा
बकरीद के मौके पर हर साल की तरह इस बार भी बकरों की मंडियां गुलजार हैं और बाजार में तीन लाख रूपये तक के बकरे मिल रहे हैं.
बकरा |
कीमतों की परवाह नहीं करते हुए लोग बड़ी तादात में इन मंडियों का रूख कर रहे हैं.
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में लगीं बकरा मंडियों में बकरा-व्यापारी देश के विभिन्न हिस्सों से आए हैं.
कुर्बानी का पर्व ईद-उल-अज़हा या ईद-उल-जुहा या बकरीद देश में सोमवार को मनाया जाना है. इसके लिए तैयारियां ज़ोरों पर हैं.
जैसे-जैसे कुर्बानी का दिन करीब आ रहा है वैसे-वैसे बकरा मंडियों में भीड़ बढ़ रही है. दिल्ली के कई मुस्लिम इलाकों में बकरा मंडियां सज गई हैं जिनमें पुरानी दिल्ली स्थित जामा मस्जिद के पास बने मीना बाजार, सीलमपुर, जाफराबाद, ओखला और तुगलकाबाद प्रमुख हैं.
इन बाजारों में प्रमुख तौर पर उत्तर प्रदेश के कई जिलों से बकरा व्यापारी बकरों, भेड़ों, भैंसों और ऊटों को बेचने के लिए आए हैं. लेकिन इन सब में बकरे ही ज्यादा खरीदे जाते हैं.
इस बार बाजार में बकरों की कीमत 50 हजार रुपये से 2 लाख 80 हजार रुपये के बीच है. सबसे मंहगा बकरा करीब 200 किलोग्राम का है और यह बकरा दिन में डेढ़ किलो चना, डेढ लीटर दूध और पांच किलोग्राम पत्ते खाता है. इसके अलावा कोल्ड ड्रिंक और मौसमी का जूस आदि पीता है.
इस महंगे बकरे के साथ ही 30 और बकरे लेकर आए बछराइयों के 45 वर्षीय शकील अहमद ने बताया कि बकरे को तंदरूस्त करने के लिए शुरू से ही उसकी खुराक अच्छी रखनी पड़ती है. वह बताते हैं कि पिछले 10 साल से वह यहां आ रहे हैं. वह कहते हैं कि देश में बकरों के दो ही बड़े बाजार हैं, जहां पर मंहगे बकरे बिक जाते हैं. वह दिल्ली और मुंबई हैं. इसलिए उनका एक भाई मंबई जाता है और वह यहां आते हैं.
इसके अलावा दो लाख या इससे ज्यादा कीमत के कई बकरे हैं और सभी बकरों की खुराक और वजन समान है.
दिल्ली के सभी बाजारों में बकरों की कीमत कमोबेश एक समान है और खरीदार दिल्ली के सभी बाजारों का दौरा कर अपनी पसंद का बकरा खरीद रहे हैं. हालांकि बकरा मंडियों में छह हजार से लेकर 2 लाख 80 हजार रुपये तक के बकरे हैं. इतने मंहगे बकरे हर कोई नहीं खरीद सकता इसलिए इन बकरों को देखने वालों की ही संख्या ज्यादा होती है और खरीदार कम होते हैं.
वहीं अन्य बकरा व्यापारी मोहम्मद शाहजेद ने बताया कि यहां पर दिल्ली के अलावा, उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर, बरेली, लखनऊ सहित कई शहरों से व्यापारी आए हैं. इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, गुजरात से भी व्यापारी यहां आते हैं. उन्होंने बताया कि यहां सबसे ज्यादा मांग मेवाती और बरबरा बकरों की रहती है. साथ ही पंजाबी, तोतापरी और देसी नस्ल के बकरे भी लोग खरीदते हैं.
शाहजेद ने बताया कि बहुत से व्यापारी तो बकरों को खुद पालते हैं. लेकिन कई ऐसे भी हैं जो बकरे खरीद कर यहां बेचने के लिए आते हैं.
समीर खान नाम के बकरा व्यापारी ने बताया कि बकरों को यहां लाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि रास्ते में पुलिस कर्मी तंग करते हैं.
खरीदार मोहम्मद रहीम ने कहा कि उन्होंने तीन बकरे 25 हजार रपये में और एक बकरा आठ हजार रपये में खरीदा है. बकरों की खरीदारी करने से पहले उन्होंने कम से कम चार दिन बाजार में आकर बकरों और उनकी कीमत के बारे में मालूमात हासिल की. इसके बाद उन्होंने बकरे खरीदे. उन्होंने बताया कि बकरों की खरीदारी में बहुत ज्यादा मोल-भाव होता है.
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