पीआरजेए ने कहा, अफ्स्पा ने उग्रवाद की समस्या को और बढ़ा दिया
मणिपुर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफ्स्पा) हटाने की मांग को लेकर करीब 16 वर्षों तक भूख हड़ताल पर रहीं सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला की पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस (पीआरजेए) ने कहा है कि यह कानून उग्रवाद से निपटने में मददगार नहीं है, बल्कि इसने रोग को और बढ़ा दिया है.
सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला (फाइल फोटो) |
पार्टी संयोजक एरेंद्रो लाइचोमबाम ने दावा किया है कि राज्य से संसाधनों को निचोड़ने के लिए अफ्स्पा लगाया गया है.
लाइचोमबाम ने बताया, ‘‘मणिपुर में वर्ष 1980 में अफ्स्पा लागू किया गया था, तब राज्य में चार विद्रोही समूह थे. वर्ष 2016 में यह संख्या चार गुना बढ़कर 32 तक पहुंच गयी.’’
आर्थिक नीति में स्नातकोत्तर लाइचोमबाम ने कहा कि उनकी पार्टी सबसे पहले मणिपुर से इस कानून को हटाना चाहती है और उसके बाद इस कानून को जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों से हटवाने का प्रयास करेगी.
मणिुपर विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली पीआरजेए कोष के संकट से जूझ रही थी और हाल ही में उन्होंने सोशल मीडिया के जरिये चंदा जुटाने की मुहिम शुरू की. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 50 हजार रूपये का चंदा देने की घोषणा की थी.
बकौल लाइचोमबाम उनकी पार्टी ने बुधवार तक 20 लाख रूपये जुटा लिये थे. इसमें 1000 लोगों ने
ऑनलाइन जबकि 5000 लोगों ने ऑफलाइन चंदा दिया है.
मणिुपर में त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में कांग्रेस या भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना के सवाल पर लाइचोमबाम ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी. हालांकि भाजपा के साथ सहयोग के बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.
पार्टी की सह-संयोजक इरोम शर्मिला के स्वास्थ्य के बारे में पूछे जाने पर लाइचोमबाम ने बताया कि उनकी प्रमुख नेता बिल्कुल स्वस्थ हैं.
मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए आगामी चार और आठ मार्च को दो चरण में चुनाव होना है और पीआरजेए महज तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसे सांकेतिक लड़ाई बताये जाने पर लाइचोमबाम ने कहा, ‘‘बिल्कुल नहीं. पीआरजेए का एक विधायक 60 विधायकों के समतुल्य होगा. हम विधानसभा में लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से उठायेंगे. अगली बार हम सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.’’
मणिपुर में एक नवंबर, 2016 से जारी आर्थिक नाकेबंदी पर पीआरजेए के रूख के बारे में पूछे जाने पर लाइचोमबाम ने कहा, ‘‘आर्थिक नाकेबंदी के कारण लोग हर दिन परेशानी का सामना कर रहे हैं. राज्य में कांग्रेस और केंद्र में भाजपा सत्ता में है और नाकेबंदी को जल्द-से-जल्द खत्म करने का काम इन दोनों दलों का है लेकिन वे इससे केवल राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं.’’
पूर्वोत्तर के इस राज्य के आर्थिक विकास के मॉडल के बारे में वर्ष 2010-2013 के बीच वर्ल्ड बैंक फेलो रहे नेता ने कहा कि वे मणिुपर को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे. इसके लिए वे राज्य के प्राकृतिक संसाधन और आधुनिक तकनीक का समन्वित उपयोग करेंगे.
उन्होंने कहा कि अफ्स्पा के अलावा राज्य से भ्रष्टाचार खत्म करना, बेरोजगारी दूर करना, लोकायुक्त को अमल में लाना और सौहार्दपूर्ण और समावेशी मणिपुर बनाना उनकी पार्टी का लक्ष्य है.
अरविन्द केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर लाइचोमबाम ने कहा कि उनका पहला लक्ष्य अपनी पार्टी को स्थापित करना और पहचान दिलाना है, जिसके बाद ही वे गठबंधन के बारे में सोचेंगे.
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