लोकसभा चुनाव 2019 : किसकी सरकार..फैसला आज
लोकसभा चुनाव को लेकर गुरुवार को कौन जीतेगा और कौन हारेगा जैसी तमाम अटकलों पर विराम लग जाएगा, जब ईवीएम की मशीनें खुलेंगी और प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा।
नई दिल्ली : मतगणना केंद्र के बाहर तैनात पुलिस बल का जवान। (फोटो : पेट्र) |
लोकसभा चुनाव के लिए 542 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान होने के बाद मतों की गणना की जाएगी। लोकसभा चुनाव के लिए मतों की गणना के साथ चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के लिए मतों की गणना की जाएगी। मतों की गिनती की प्रक्रिया पूर्व निर्धारित व्यवस्था के साथ होगी। ईवीएम मतों की गिनती के बाद वीवीपैट पर्चियों का मिलान बाद में किया जाएगा।
गौरतलब है कि 10 मार्च को 17वीं लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव कार्यक्रमों को ऐलान किया गया था। इसी के साथ चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गयी थीं। आयोग ने 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान की व्यवस्था की थी। इन सात चरणों में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन सात चरणों में 542 सीटों के लिए 67.11 प्रतिशत रिकार्ड मतदान हुआ है। हालांकि अभी वेल्लोर लोकसभा सीट का चुनाव बाकी है। इसी के साथ चार राज्यों आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम की विधानसभा के चुनाव भी कराए गए हैं।
आयोग के अनुसार मतगणना गुरुवार सुबह आठ बजे से होगी। देश भर में बनाए गए मतगणना केंद्रों पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए भी हर तरह के प्रबंध किए गए हैं। मतों की गिनती के लिए चुनाव आयोग द्वारा पहले से निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। इसमें किसी तरह की खामियों तथा गड़बड़ियों को तत्काल दूर करने की भी व्यवस्था की गई है, ताकि मतगणना सुचारु और निर्बाध रूप से चलती रहे। वीवीपैट पर्ची से वोटों के मिलान और सत्यापन के लिए पांच मतदान केंद्रों को औचक आधार पर चुना जाएगा। वीवीपैट सत्यापन प्रक्रिया में चार से पांच घंटे का समय लग सकता है। चुनाव परिणाम आयोग की वेबसाइट और ‘वोटर हेल्पलाइन एप’ पर उपलब्ध होंगे। आयोग ने इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए 55 लाख ईवीएम का उपयोग किया है।
डाक मतपत्र और ईवीएम की गणना एक साथ होगी
लोकसभा चुनाव में मतदान के दौरान चुनाव आयोग को उम्मीद से बहुत अधिक संख्या में डाक मत पत्र मिलने से इनकी गिनती ईवीएम के मतों के साथ ही की जाएगी। मतगणना की मौजूदा व्यवस्था के तहत ईवीएम के मतों की गिनती से पहले डाक मतपत्रों की गिनती होती है। आयोग ने 16 लाख से अधिक डाक मतपत्रों की गिनती में अधिक समय लगने की आशंका के मद्देनजर ईवीएम की मतगणना में देरी से बचने के लिए दोनों की मतगणना एक साथ कराने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इस चुनाव में 17 मई तक सर्विस वोटर के 16.49 लाख डाक मतपत्र आयोग को मिल चुके हैं। मतगणना से पहले इनकी संख्या में इजाफे की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
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