पार्टियों को 2000 से अधिक चंदा देने वाले की पहचान बतानी होगी

Last Updated 01 Feb 2017 09:32:21 PM IST

अब राजनीतिक दलों को 2000 रुपये से अधिक राशि का चंदा देने वालों की पहचान बतानी होगी. अभी तक राजनीतिक दल किसी भी अनाम स्रोत से 20 हजार तक का चंदा नकद ले सकते थे.


केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली

अब नकदी में चंदे की राशि घटाकर 2 हजार रुपये कर दी गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को बजट पेश करने के दौरान देश में राजनीतिक वित्त पोषण में व्यापक पारदर्शिता के लिए नए नियमों की घोषणा की.

साल 2017-18 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए जेटली ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता लाने के लिए निर्वाचन आयोग की सिफारिशें मान ली हैं. अब राजनीतिक दल चेक और डिजिटल भुगतान के जरिए ही 2 हजार रुपये से अधिक चंदा ले सकते हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि एक अतिरिक्त कदम के रूप में सरकार ने चुनावी बांड जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया है.

उन्होंने कहा कि दानदाता चेक के जरिए बांड खरीद सकते हैं और यह धनराशि संबंधित राजनीतिक पार्टी के पंजीकृत खाते में चली जाएगी.

जेटली ने कहा, "यह सुधार राजनीतिक वित्त पोषण में काफी पारदर्शिता लाएगा और आगे कालेधन पर रोक लगाएगा."



वित्त मंत्री ने कहा, "आजादी के 70 साल बाद भी राजनीतिक वित्त पोषण में कोई पारदर्शिता नहीं थी. अधिकांश चंदे नकद में लिए जाते थे और दानदाता भी अपनी पहचान बताने से परहेज करते थे. अब कोई भी व्यक्ति राजनीतिक दल को नकदी में 2 हजार रुपया ही बतौर चंदा दे सकता है."

अभी तक अधिकांश राजनीतिक पार्टियां उन्हें मिले चंदे को नकदी में 20,000 से कम राशि की श्रेणी में दिखाती रही हैं क्योंकि 20,000 रुपये तक चंदा देने वालों की पहचान उजागर करने को वे बाध्य नहीं थीं.

निर्वाचन आयोग ने सरकार से अनाम स्रोत से मिले नकद चंदे की सीमा घटाकर 2000 रुपये करने का अनुरोध किया था.

आईएएनएस


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