बजट राजकोषीय अनुशासन पर कायम, राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

Last Updated 29 Feb 2016 05:45:56 PM IST

आर्थिक वृद्धि एवं वित्तीय प्रबंधन में संतुलन को लेकर जारी चर्चा के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के तय रास्ते पर डटे रहे.




(फाइल फोटो)

वर्ष 2016-17 के बजट में उन्होंने राजकोषीय घाटे को 3.5 प्रतिशत पर रखे जाने का प्रस्ताव किया है.

उन्होंने यह भी कहा है कि विकास एजेंडे के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिये एक समिति गठित की जाएगी.

राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 3.9 प्रतिशत अनुमानित है जिसे अगले वित्त वर्ष में कम कर 3.5 प्रतिशत पर लाया जाएगा.

जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘ऐसा करते समय मैंने यह सुनिश्चित किया है कि विकास एजेंडे के साथ कोई समझौता नहीं हो.’ अगले वित्त वर्ष में कुल सरकारी खर्च 19.78 लाख करोड़ रपये होगा. इसमें 5.50 लाख करोड़ रपये योजना व्यय तथा अन्य 14.28 लाख करोड़ रपये गैर-योजना व्यय में खर्च होंगे.

चालू वित्त वर्ष में राजस्व घाटा बेहतर रहने का अनुमान है और यह जीडीपी का 2.5 प्रतिशत रह सकता है जबकि बजटीय लक्ष्य 2.8 प्रतिशत था.

जेटली ने आगे कहा कि वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता तथा उतार-चढ़ाव को देखते हुए एफआरबीएम कानून की समीक्षा के लिये समय आ गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि एफआरबीएम के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिये एक समिति गठित की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार योजना एवं गैर-योजना व्यय के बीच अंतर को समाप्त करने के लिये राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी.

पिछले साल जेटली ने सार्वजनिक निवेश बढ़ाकर बुनियादी ढांचे को मजबूती प्रदान करने के लिये राजकोषीय मजबूती की रूपरेखा के क्रि यान्वयन में विलम्ब किया.

पिछले बजट में घोषित राजकोषीय घाटे की रूपरेखा के तहत चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा कम करके 3.9 प्रतिशत तथा 2016-17 में 3.5 प्रतिशत पर लाया जाएगा. घाटे को 2017-18 में कम कर 3.0 प्रतिशत पर लाने की रूपरेखा तय की गई है.

इससे पहले राजकोषीय मजबूती के लिये पूर्व निर्धारित योजना के तहत वर्ष 2016-17 तक ही घाटे को कम कर 3.0 प्रतिशत तक लाया जाना था नये कार्यक्र म में यह अवधि 2017-18 कर दी गई.

रुपया आया, रुपया गया

आम बजट में एक रुपये की आय एवं व्यय का विवरण इस प्रकार से है.

रुपया आता है
निगम कर : 19 पैसे
आय कर : 14 पैसे
सीमा शुल्क : 9 पैसे
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क : 12 पैसे
सेवा कर एवं अन्य कर : 9 पैसे
कर-भिन्न राजस्व : 13 पैसे
ऋण-भिन्न पूंजी प्राप्तियाँ : 3 पैसे
उधार एवं अन्य देयतायें : 21 पैसे
रुपया जाता है
ब्याज अदायगी : 19 पैसे
रक्षा : 10 पैसे
आर्थिक सहायता : 10 पैसे
अन्य आयोजना - भिन्न व्यय : 12 पैसे
करों एवं शुल्कों में राज्यों का हिस्सा : 23 पैसे
राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को आयोजना-भिन्न सहायता : 5 पैसे
राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को आयोजना सहायता : 9 पैसे
केन्द्रीय आयोजना : 12 पैसे



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