राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को चुनाव आयोग ने दी चुनौती, कहा- आरोप सही तो घोषणापत्र पर करें हस्ताक्षर
राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाए जाने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि यदि कांग्रेस नेता को अपने विश्लेषण पर विश्वास है और उन्हें लगता है कि आयोग के खिलाफ लगाए गए उनके आरोप सही हैं तो उन्हें चुनावी नियमों के तहत घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने एवं मतदाता सूची में गलत तरीके से जोड़े गए या हटाए गए नामों को प्रस्तुत करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।
![]() |
सूत्रों ने कहा कि अगर गांधी घोषणापत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो इसका मतलब होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण और उससे निकले निष्कषरें एवं ‘बेतुके आरोपों’ पर विश्वास नहीं है तथा ऐसी स्थिति में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
कम से कम तीन राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) ने बृहस्पतिवार को राहुल गांधी से उन मतदाताओं के नाम साझा करने को कहा था जिनके बारे में उन्होंने दावा किया है कि उन्हें मतदाता सूचियों में गलत तरीके से शामिल किया गया है या सूची से बाहर रखा गया है।
उन्होंने चुनाव प्राधिकारियों द्वारा मामले में ‘आवश्यक कार्यवाही’ शुरू किए जाने के लिए हस्ताक्षरित घोषणा भी मांगी।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष गांधी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जिसमें 11,965 ‘डुप्लीकेट’ (एक मतदाता के नाम मतदाता सूची में अनेक जगह होना) मतदाता, 40,009 फर्जी एवं अमान्य पते वाले मतदाता, 10,452 ‘बल्क’ या बड़ी संख्या में एक ही पते पर पंजीकृत मतदाता, 4,132 फर्जी फोटो वाले मतदाता और 33,692 नए मतदाता के प्रपत्र छह का दुरुपयोग करके जोड़े गए मतदाता शामिल हैं।
| Tweet![]() |