Parliament Monsoon Session: मानसून सत्र में पहलगाम हमले व ट्रंप की टिप्पणी का मुद्दा उठाएगा विपक्ष, हंगामे के आसार
सरकार ने रविवार को संकेत दिया कि वह संसद के मानसून सत्र में विपक्ष की प्रमुख मांगों में से एक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है।
![]() संसद के मानसून सत्र में पहलगाम हमले व ट्रंप की टिप्पणी का मुद्दा उठाएगा विपक्ष |
वहीं, विपक्षी इंडिया गठबंधन ने जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस मामले के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति के पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम दावों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर भी जवाब देना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा संसद में इन मुद्दों पर स्वयं जवाब देने की संभावना बहुत कम है। हालांकि, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, जब भी भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर चर्चा होगी, सरकार उचित जवाब देगी।
सत्र में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर एक विस्तृत बयान दिए जाने की संभावना है। राजग सहित कई नेता ऑपरेशन सिंदूर पर विभिन्न संसदीय प्रतिनिधिमंडलों के माध्यम से सरकार की विदेश पहुंच की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए चर्चा भी चाहते हैं। सूत्रों ने बताया, सरकार संसद में अपना विचार रखने के लिए विदेशमंत्री एस जयशंकर को भी मैदान में उतार सकती है।
सोमवार से शुरू हो रहे सत्र से पहले पारंपरिक सर्वदलीय बैठक के बाद रिजिजू ने कहा, सरकार ने महीने भर चलने वाले सत्र के दौरान संसद के सुचारू संचालन में विपक्ष से सहयोग मांगा है। केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद रिजिजू ने कहा, संसद को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच समन्वय होना चाहिए।
रिजिजू ने कहा, उन्होंने विपक्ष और सत्तारूढ़ राजग के घटकों को धैर्यपूर्वक सुना और आशा व्यक्त की कि आगामी सत्र बहुत लाभदायक होगा। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विभिन्न दलों के 54 नेताओं और निर्दलीय संसद सदस्यों ने हिस्सा लिया। रिजिजू ने कहा, हम ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
विपक्ष द्वारा पहलगाम हमले सहित अन्य मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर रिजिजू ने कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के अलावा संसद में ही रहते हैं। रिजिजू ने कहा, सरकार 17 प्रमुख विधेयक ला रही है, जिनका विवरण जल्द ही उपलब्ध कराया जाएगा।
सूत्रों ने बताया, भाजपा के सहयोगी दल भी चाहते हैं कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडलों के दौरे के बाद सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बैठक के बाद कहा, उनकी पार्टी ट्रंप के दावों, उन ‘चूकों’ जिनके कारण पहलगाम हमला हुआ और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बयान दिए जाने की मांग करती है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपना नैतिक दायित्व निभाएंगे।
‘आप’ के नेता संजय सिंह ने कहा, उन्होंने बैठक में बिहार में एसआईआर के कथित ‘चुनावी घोटाले’ और भारत एवं पाकिस्तान के बीच ‘संघषर्विराम कराने में’ मध्यस्थता संबंधी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे का मुद्दा उठाया।
जदयू नेता संजय कुमार झा ने कहा, उनकी पार्टी का मानना है कि प्रत्येक नागरिक को मतदान का अधिकार होना चाहिए और इसके लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। सपा के नेता राम गोपाल यादव ने कहा, पहलगाम में खुफिया विफलता की जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल द्वारा स्वीकारोक्ति एक ‘गंभीर मुद्दा’ है।
उन्होंने कहा, भारत ने पाकिस्तान पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कभी अनुमति नहीं दी है और ट्रंप के दावों पर सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। राकांपा-एसपी की नेता सुप्रिया सुले ने मांग की कि प्रधानमंत्री पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और बिहार के एसआईआर के मुद्दों पर संसद में जवाब दें।
बीजद नेता सस्मित पात्रा ने कहा, राज्यों में कानून-व्यवस्था की विफलता की जिम्मेदारी से केंद्र बच नहीं सकता और आगामी संसद सत्र में इस पर बहस होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ओडिशा में कानून-व्यवस्था ‘पूरी तरह ध्वस्त’ हो गई है और वहां की भाजपा सरकार ‘असहाय’ एवं ‘विफल’ हो गई है।
| Tweet![]() |