भगवान बुद्ध के अवशेष वियतनाम से लौटे स्वदेश
वियतनाम के कई शहरों में एक महीने तक आयोजित भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी में 1.7 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
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उत्तर प्रदेश के सारनाथ स्थित एक विहार में स्थापित पवित्र अवशेष दो मई को वियतनाम के हो ची मिन्ह शहर पहुंचे थे।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वियतनाम में प्रदर्शनी के दौरान व्यापक आध्यात्मिक अनुभव के बाद ये अवशेष दो जून की रात भारतीय वायुसेना के विमान से भारत लौट आए। वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया था।
इस दौरान प्रदर्शनी के लिए भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को वियतनाम ले जाया गया था। संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, वियतनाम में आयोजित इस प्रदर्शनी में लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष के दर्शन किए।
श्रद्धालुओं के लिए यह एक आध्यात्मिक अनुभव था, जिन्होंने भारत से बुद्ध के पवित्र अवशेषों की ऐतिहासिक पूजा तीर्थयात्रा में हिस्सा लिया। मंत्रालय ने बयान में कहा, वियतनाम के दक्षिण से उत्तर तक कई प्रतिष्ठित स्थानों से होकर गुजरी इस यात्रा ने कुल 1.78 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं को आकषिर्त किया। श्रद्धा और सांस्कृतिक एकजुटता के इस गहन प्रदर्शन ने बौद्धों और आध्यात्मिक साधकों को एकजुट करने का काम किया।
मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तीन से आठ मई तक हो ची मिन्ह सिटी के आय थान ताम मठ में 18,77,000 श्रद्धालु आए, 17 से 19 मई तक हा नाम प्रांत के ताम चुक पैगोडा में 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आए और 13 से 17 मई को हनोई के क्वान सू पैगोडा में 70 लाख से अधिक श्रद्धालु आए।
वहीं, केंद्रीय शोभायात्रा में 20 लाख लोग शामिल थे। मंत्रालय ने 30 मई को पहले एक बयान में कहा था, प्रदर्शनी मूल रूप से 21 मई को समाप्त होने वाली थी लेकिन लोगों की आध्यात्मिक भावना, श्रद्धालुओं के उत्साह भरे माहौल को देखते हुए वियतनाम सरकार के विशेष अनुरोध पर प्रदर्शनी दो जून तक बढा दी गई।
मंत्रालय ने कहा कि ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति के नेतृत्व में भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ भारतीय भिक्षुओं के साथ अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के अधिकारियों की मौजूदगी में इन अवशेषों को पालम वायु सेना स्टेशन पर औपचारिक रूप से प्राप्त किया।
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को गाजियाबाद केंिहडन एयर बेस से भारतीय वायुसेना के विशेष विमान द्वारा वियतनाम ले जाया गया था। पवित्र अवशेषों का दुनिया भर के बौद्ध समुदाय के लिए विशेष महत्व है और वियतनाम में उनका प्रदर्शन पहली बार हुआ। दिल्ली पहुंचने के बाद पवित्र अवशेषों को मंगलवार (तीन जून) की सुबह से एक दिन के लिए राष्ट्रीय संग्रहालय में सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रखा जाएगा।
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