पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई देशों को बताया था कि वह पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने तबाह करेगा: सूत्र

Last Updated 12 May 2025 12:26:34 PM IST

पहलगाम हमले के बाद भारत ने अमेरिका सहित कई देशों को बताया था कि निसंदेह वह पाकिस्तान की धरती से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे आतंकी ठिकानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करेगा। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी।


सूत्र के अनुसार गत मंगलवार देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के बाद भारत ने विभिन्न देशों को बताया था कि पाकिस्तान की हर सैन्य कार्रवाई पर उसका जवाब अधिक शक्तिशाली और निर्णायक होगा।

सूत्रों ने बताया कि यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से कहा था कि पाकिस्तानी कार्रवाइयों के जवाब में भारत की प्रतिक्रिया ‘‘अधिक शक्तिशाली, मजबूत, विनाशकारी’’ होगी।

वेंस ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच सैन्य संघर्ष बढ़ने के बीच मोदी को फोन किया था।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘22 अप्रैल के बाद हमारे सभी संदेशों में हमने कहा कि हम आतंकवादियों पर हमला करेंगे, परिणाम भुगतने होंगे। हम पहले दिन से ही बिल्कुल स्पष्ट थे।’’

सूत्र ने कहा, ‘‘वे हमला करते हैं तो हम भी करेंगे। वे शांत रहते हैं तो हम भी शांत रहेंगे। यही हमारा संदेश था।’’

सूत्रों ने कहा कि मोदी ने वेंस की बात सुनी और फिर उनसे कहा, ‘‘आश्वस्त रहें, अगर पाकिस्तान कुछ भी करता है तो उसे उससे ज्यादा ताकत, मजबूती से जवाब मिलेगा। उसे यह समझने की जरूरत है।’’

सूत्रों ने बताया कि भारत ने वायु रक्षा प्रणालियों से लेकर रडार स्थल और पाकिस्तानी सेना के कमान सेंटर तक आठ प्रमुख ठिकानों पर हथियार प्रणालियों और मिसाइलों से सिलसिलेवार तरीके से सटीक हमले किए, जिसके कारण ही इस्लामाबाद को नयी दिल्ली से ये सब रोकने के लिए कहना पड़ा।

उन्होंने बताया कि नौ और 10 मई की रात को उधमपुर, पठानकोट और आदमपुर में वायु सेना स्टेशन सहित 26 भारतीय ठिकानों पर हमला करने के पाकिस्तान के प्रयासों के जवाब में भारत ने कार्रवाई की।

भारतीय सशस्त्र बलों ने शनिवार सुबह रफीकी, मुरीद, चकलाला, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियां सहित पाकिस्तान की सेना के कई अड्डों पर जोरदार जवाबी हमला किया। 

उन्होंने कहा कि पसरूर और सियालकोट हवाई अड्डे के रडार स्थलों को भी सटीक हथियारों का इस्तेमाल करके निशाना बनाया गया, जिससे भारी नुकसान हुआ।

शनिवार को भारतीय हमलों के कुछ घंटों बाद, पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने अपने भारतीय समकक्ष से ये सब रोकने के लिए प्रस्ताव रखा।

दोनों डीजीएमओ के बीच बातचीत के लगभग दो घंटे बाद, विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ने तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई को रोकने के लिए सहमति बनाई है।

सूत्रों ने बताया कि 10 मई को भारत की तरफ से बड़े पैमाने पर सैन्य हमले किए जाने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिकी प्रशासन से संपर्क किया था।

सूत्रों ने बताया कि बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जयशंकर को फोन किया और कहा कि पाकिस्तान ये सब रोकने के लिए तैयार है।

उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच पहला संपर्क 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के तुरंत बाद हुआ था।

मोदी सऊदी अरब में थे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री को फोन कर एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत के बाद भारत ने अमेरिका से कहा कि वह केवल पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों का जवाब देगा।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘हमने अपने वार्ताकारों को स्पष्ट संदेश दिया कि हम पीड़ित और अपराधी को एक समान नहीं मान सकते।’’

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए भारत आतंकवादी संगठनों को यह संदेश देना चाहता था कि ‘‘(उनके लिए) कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है’’ और भारत के सशस्त्र बल अपनी पर आ जाएं तो पाकिस्तानी क्षेत्र में अंदर तक मार करने में सक्षम हैं।

भाषा
नई दिल्ली


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