India Pakstan War: सरकार ने पाक में ननकाना साहिब पर भारत के हमले के झूठे दावों, अन्य गलत सूचनाओं को किया खारिज

Last Updated 10 May 2025 01:31:06 PM IST

सरकार ने भारत द्वारा पाकिस्तान में ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किए जाने के दावों को शनिवार को खारिज कर दिया।




भारत पाकिस्तान फैक्टचेक

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ‘फैक्ट चेक’ इकाई ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारत ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर ड्रोन हमला किया है। यह दावा पूरी तरह से फर्जी है।’’

उसने कहा कि इस तरह की सामग्री भारत में सांप्रदायिक नफरत पैदा करने के लिए प्रसारित की जा रही है। 

ननकाना साहिब सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्मस्थान है और यह गुरुद्वारा सिखों के लिए एक पूजनीय स्थल है।

सरकार ने उन कुछ ‘सोशल मीडिया पोस्ट’ को भी ‘‘फर्जी’’ बताकर खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि एक भारतीय पायलट को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में उसके लड़ाकू विमान से निकाला गया और एक महिला वायुसेना पायलट को पाकिस्तान में पकड़ लिया गया।

सरकार ने इन दावों को भी खारिज कर दिया कि पाकिस्तान द्वारा किए गए साइबर हमले में भारत का पावर ग्रिड निष्क्रिय हो गया है तथा मुंबई-दिल्ली हवाई मार्ग अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। 

सरकार ने कहा, ‘‘ये दावे फर्जी हैं।’’

उसने कहा कि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने दिल्ली और मुंबई उड़ान सूचना क्षेत्रों के भीतर हवाई यातायात सेवा (एटीएस) मार्गों के 25 खंडों को परिचालन संबंधी कारणों से अस्थायी रूप से बंद किया है।

सरकार ने कहा कि भारतीय सैनिकों को रोते हुए दिखाने वाला पुराना वीडियो वास्तव में एक निजी कोचिंग संस्थान के युवाओं का है जो सेना में अपने चयन का जश्न मना रहे थे।

पीआईबी फैक्ट चेक इकाई ने कहा कि संबंधित वीडियो 27 अप्रैल को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया गया था और इसका सेना से कोई संबंध नहीं है।


उसने कहा, ‘‘वीडियो में एक निजी रक्षा कोचिंग संस्थान के छात्र भारतीय सेना में अपने चयन का जश्न मनाते दिख रहे हैं। वीडियो में दिख रहे युवा अपनी भर्ती की खबर पाकर खुशी से कथित तौर पर भावुक हो गए थे।’’

सरकार ने विदेशी मीडिया के एक वर्ग द्वारा प्रसारित, शुक्रवार को श्रीनगर हवाई अड्डे के आसपास 10 विस्फोटों की खबरों को भी खारिज कर दिया। उसने जयपुर हवाई अड्डे के पास विस्फोटों के अलग-अलग दावों को भी खारिज कर दिया।

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘ये दावे फर्जी हैं। प्रामाणिक जानकारी के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें।’’

पीआईबी फैक्ट चेक इकाई ने यह भी कहा कि भारतीय सेना की चौकियों को नष्ट करने के सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे झूठे हैं और इस संबंध में साझा किया गया वीडियो 2020 का है।

उसने कहा, ‘‘यह वीडियो पुराना है और यह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद की किसी गतिविधि से संबंधित नहीं है। वीडियो को मूल रूप से 15 नवंबर, 2020 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था।’’

भाषा
नई दिल्ली


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