Mock drill: देश भर में हुई मॉक ड्रिल, तेज आवाज में बजा सायरन, सुरक्षित स्थान की ओर भागे लोग..

Last Updated 08 May 2025 06:50:33 AM IST

Mock drill: राष्ट्रव्यापी ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत बुधवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हवाई हमलों, आग लगने की आपात स्थिति और खोज एवं बचाव कार्यों जैसे कई परिदृश्यों का अनुकरण करने के लिए ‘मॉक ड्रिल’ की गई।


भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को देखते हुए बुधवार को जगह-जगह मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

पहलगाम में पिछले महीने हुए आतंकी हमले के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘मॉक ड्रिल’ का निर्देश जारी किया था।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढते तनाव के बीच ‘नए और जटिल खतरे’ सामने आए हैं, जिसके बाद मंत्रालय ने यह निर्देश जारी किया था। दिल्ली में कई स्थानों पर पीसीआर वैन और दमकल की गाड़ियां तैनात की गई थीं जबकि सुरक्षा कर्मियों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को भी बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। सायरन की आवाज के बीच सुरक्षित स्थानों पर भागते हुए निवासी, स्ट्रेचर पर घायल लोगों को ले जाने जैसे दृश्य दिल्ली में 55 स्थानों पर देखे गए।

Mock drill: तेज आवाज में बजा सायरन

Mock drill: सुरक्षा की पूर्व तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजधानी में बुधवार को 55 जगहों पर मॉकड्रिल की गई। इस दौरान तेज आवाज में बजते सायरन, सुरक्षित जगहों की ओर भागते लोग, स्ट्रेचर पर घायल लोगों को ले जाए जाने जैसी आपातकालीन गतिविधियां प्रदर्शित की गई। राष्ट्रव्यापी ऑपरेशन अभ्यास के तहत हवाई हमलों, एक साथ कई जगहों पर आग लगने की घटनाओं और खोज व बचाव अभियान जैसे विभिन्न परिदृश्यों की पड़ताल की गई। कई जगहों पर पीसीआर वैन और दमकल गाड़ियां तैनात समेत सुरक्षाकर्मिंयों और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भारी तैनाती रही।

Mock drill: मॉकड्रिक के दौरान खान मार्केट में सायरन बजाए गए और लोगों को निकासी अभ्यास के तहत भागने के लिए कहा गया। चांदनी चौक में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों, कर्मिंयों और एनसीसी कैडेट की मौजूदगी में मॉकड्रिल की गई। टाउनहॉल के पास चांदनी चौक में निकासी अभ्यास शुरू होते ही बाजार क्षेत्र में सायरन बजने लगे, जिससे लोग सुरक्षित जगहों की ओर भागने लगे। बचाव कार्य शुरू करने का संकेत देते हुए दूसरा सायरन बजाया गया। इस दौरान स्वयंसेवकों को घायलों को बचाने, लोगों से शांत रहने और घायलों की मदद करने का अभ्यास कराया गया।
दिल्ली अग्निशमन सेवा की क्रेन का इस्तेमाल ऊंची इमारतों तक पहुंचने और फंसे हुए लोगों को निकालने को दर्शाया गया। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सायरन बजाया गया। चिकित्सकों का एक दल और कई एम्बुलेंस के साथ दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंचीं।

एनडीएमसी बिल्डिंग में अलार्म सायरन बजाया गया और कर्मचारियों को बाहर निकालकर बेसमेंट में ले जाया गया। आरबीआई बिल्डिंग में भी मॉकड्रिल की गई। इसमें कांच की खिड़कियों से दूर रहने और दोनों हाथों से सिर ढककर छिपने के लिए सुरक्षित जगह खोजने के निर्देश दिए गए। इसी तरह दिल्ली नगर निगम के मुख्यालय सिविक सेंटर में भी मॉकड्रिल कर सुरक्षा व्यवस्था को परखा गया। यह मॉकड्रिल मंगलवार देर रात को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद किया गया।

Mock drill: लुटियंस जोन में रहा 15 मिनट तक ब्लैकआउट

राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉकड्रिल के तहत कि बुधवार को 15 मिनट के लिए रात आठ से सवा आठ बजे तक लुटियंस जोन में ब्लैक आउट रहा। एनडीएमसी ने लुटियंस जोन में ब्लैटआउट की घोषणा की थी।  एनडीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि लुटियंस जोन के सभी निवासियों से आग्रह किया गया था कि सहयोग करें और स्थिति का सामना करें। हालांकि अधिकारी ने कहा कि ब्लैकआउट से अस्पताल, डिस्पेंसरी, राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, मेट्रो स्टेशन और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान इससे अलग रहे। ब्लैकआउट होते ही पूरे एनडीएमसी इलाके में अंधेरा छा गया। नागरिकों का कहना था कि जब बात देश की हो तो 15 मिनट तो क्या, इससे भी ज्यादा ब्लैकआउट हो, हम इसके लिए तैयार हैं।

नागरिकों से की गई थी अपील : एनडीएमसी अधिकारियों के अनुसार ब्लैकआउट से पहले नागरिकों को यह जानकारी दी गई कि ब्लैकआउट के समय किसी भी प्रकार की कोई रोशनी नहीं करनी है। न इमरजेंसी लाइट, न मोबाइल की लाइट, न कैंडल और न ही वैकल्पिक साधनों से रोशनी करनी है। उन्होंने बताया कि ब्लैकआउट का मतलब यह होता है कि दुश्मन को युद्ध की स्थिति में सही जगह का पता न चले और वह उसका दुरुपयोग न कर सके।

Mock drill: ..सायरन बजते ही डेस्क के नीचे छुप गए छात्र

दिल्ली के स्कूलों में बुधवार को दोपहर अचानक से तेज सायरन बजा और फिर छात्र छुप गए अपने-अपने डेस्क के नीचे। भारत-पाक युद्ध के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा तैयारियों की पहलों और गृह मंत्रालय और डीडीएमए के निर्देशों पर राजधानी दिल्ली के स्कूलों में मॉक ड्रिल आयोजित किए गए। इनमें पहली से लेकर 12वीं कक्षाओं के छात्र शामिल हुए। इस मॉक ड्रिल के जरिए छात्रों को सीखाया गया तो यदि युद्ध होता है तो कैसे खुद को बचाने का प्रयास करना है।

Mock drill: पीतमपुरा स्थित एमएम पब्लिक स्कूल में बच्चों के लिए मॉक ड्रिल का अभ्यास कराया गया। स्कूल में पहले सायरन बजा और सायरन की आवाज आते हैं कि सभी कक्षाओं में छात्र अपने-अपने डेस्क के नीचे छुप गए। स्कूल की प्रधानाचार्य रुमा पाठक ने बताया कि इस मॉक ड्रिल के जरिये हमने बच्चों को सिखाया कि हमले की स्थिति में कैसे खुद को बचाना है। शालीमार बाग स्थित प्रभु दयाल पब्लिक स्कूल में पहली से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के लिए दोपहर में मॉक ड्रिल आयोजित किया गया।

Mock drill: इस दौरान पहले स्कूल में तेज सायरन बजा और बच्चे डेस्क  के नीचे छुप गये। स्कूल में यह मॉक ड्रिल तीन से चार बार कराया गया, जिससे छात्रों को समझ में आ जाए कि हमले की स्थिति में खुद को कैसे बचाना है। इस प्रकार आरकेपुरम स्थित रामजस इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य ऋचा शर्मा ने बताया कि हमारे स्कूल 10 बजे के करीब मॉक ड्रिल कराया गया। स्कूल में नर्सरी से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं के बच्चों के लिए यह मॉक ड्रिल कराया गया। हमने पहले इसको लेकर बच्चों की एक वर्कशॉप की गई, जिसमें बताया कि जब हमला होता है तो खुद को कैसे बचाते हैं। अब आप स्कूल में तो डेस्क और घर हैं तो टेबल के नीचे बैठना और जमीन में हैं तो पेट के बल लेट जाना है।

Mock drill: साथ ही अपने कान को भी पूरी तरह से बंद कर लेना है ताकि धमाके की आवाज का असर कान पर न हो। साकेत स्थित एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, द्वारा आज देशव्यापी अभ्यास के हिस्से के रूप में मॉक ड्रिल की एक श्रृंखला का आयोजन किया गया। एमिटी इंटरनेशनल स्कूल साकेत की प्रधानाचार्या दिव्या भाटिया ने कहा कि इस मॉक ड्रिल को सुचारू रूप से संचालित किया गया जिसमें कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के लगभग 2000 छात्रों ने पूर्ण पैमाने पर निकासी अभ्यास में भाग लिया, जिसमें अनुशासन और जागरूकता का प्रदशर्न किया गया क्योंकि उन्होंने सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया और शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की देखरेख में निर्दिष्ट क्षेत्रों में एकत्र हुए। इस गतिविधि ने सभी छात्रों और कर्मचारियों के बीच सतर्कता, लचीलापन और समन्वित प्रतिक्रिया की संस्कृति को मजबूत किया।

समयलाइव डेस्क
नई दिल्ली


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