Amendment In Waqf Act: वक्फ की पावर घटाएगी सरकार! कैबिनेट ने दी 40 संशोधनों को मंजूरी, सियासी घमासान शुरू

Last Updated 05 Aug 2024 07:37:42 AM IST

Amendment In Waqf Actसरकार वक्फ बोर्ड (Waqf Board) को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में विधेयक लाने वाली है ताकि इनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके तथा इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी हो सके।


वक्फ की पावर घटाएगी सरकार! कैबिनेट ने दी 40 संशोधनों को मंजूरी, सियासी घमासान शुरू

सूत्रों ने दावा किया कि यह कदम मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठ रही मांगों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा। देश में 30 वक्फ बोर्ड हैं।

सूत्रों ने रविवार को बताया, सभी वक्फ संपत्तियों से प्रति वर्ष 200 करोड़ रुपये का राजस्व आने का अनुमान है। उन्होंने कहा, यह वक्फ के पास मौजूद संपत्तियों की संख्या के अनुरूप नहीं है। मूल रूप से पूरे भारत में वक्फ बोर्ड के पास करीब 52,000 संपत्तियां हैं। वर्ष 2009 तक चार लाख एकड़ भूमि पर 3,00,000 पंजीकृत वक्फ संपत्तियां थीं और आज की तारीख में, आठ लाख एकड़ से अधिक भूमि पर 8,72,292 ऐसी संपत्तियां हैं।

वक्फ द्वारा अर्जित राजस्व का उल्लेख करते हुए सूत्रों ने रेखांकित किया कि इस धन का उपयोग केवल मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए किया जा सकता है, किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं। मौजूदा कानून में 40 से अधिक बदलावों वाला संशोधन विधेयक मौजूदा संसद सत्र में लाया जा सकता है। सूत्रों ने बताया, सरकार की योजना विधेयक को संसद में पेश किए जाने के बाद लंबित छोड़ने की नहीं है। कानून में प्रस्तावित प्रमुख बदलावों में बोर्ड द्वारा किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल है।

प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, विभिन्न राज्य बोर्ड द्वारा दावा की गई विवादित भूमि का नए सिरे से सत्यापन भी किया जाएगा। वक्फ बोर्ड की संरचना के संबंध में किए गए बदलावों से इन निकायों में महिलाओं को शामिल करना सुनिश्चित होगा। सूत्रों ने कानून में संशोधन के लिए न्यायमूर्ति सच्चर आयोग और के. रहमान खान की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त समिति की सिफारिशों का हवाला दिया। सरकार के फैसले से अवगत एक सूत्र ने कहा, समुदाय के भीतर से पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए कानून में संशोधन की मांग की गई है। हाईकोर्ट के कुछ मुस्लिम जजों ने कहा था कि वक्फ बोर्ड द्वारा लिए गए फैसले को अदालतों में चुनौती नहीं दी जा सकती। अब संशोधन विधेयक इसे सही करने का प्रयास करता है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास ने कहा, भाजपा सरकार हमेशा ऐसा करना चाहती थी। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद, हमने सोचा था कि भाजपा के रवैये में बदलाव आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वकील रईस अहमद ने कहा, यह एक ‘गलत धारणा’ है कि वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर दावा कर सकता है।

► केंद्र सरकार संसदीय सर्वोच्चता और विशेषाधिकारों के खिलाफ काम कर रही है। जब संसद सत्र चल रहा है, तो संसद को सूचित किए बिना वह मीडिया को इस विधेयक के बारे में सूचित कर रही है। इस प्रस्तावित संशोधन के बारे में मीडिया में जो कुछ भी लिखा जा रहा है, उससे पता चलता है कि मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता छीनना चाहती है और इसमें हस्तक्षेप करना चाहती है। यह अपने आप में धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।  -असदुद्दीन ओवैसी, सांसद लोकसभा

► इस संबंध में तमाम मुस्लिम संगठनों ने सरकार को प्रत्यावेदन दिया थे और आपत्ति जताई थी। बोर्ड की संपत्तियों का जहां एवं जिसके लिए उपयोग होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। कई जगह रियल एस्टेट के लिए उपयोग हो रहा है। कई जगह किसी की संपत्ति पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा कर उसे अपनी संपत्ति घोषित कर दी। वक्फ बोर्ड में इस प्रकार के प्रावधान किए गए हैं कि अगर वक्फ बोर्ड किसी संपत्ति को अपना कह देता है, तो उसमें कोई आपत्ति भी नहीं कर सकता है। इसी प्रकार की बहुत सारी विसंगतियां हैं। -डा. दिनेश शर्मा, राज्ससभा सांसद (भाजपा)

भाषा
नई दिल्ली


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