NITI Aayog Meet: नीति आय़ोग की बैठक में शामिल होंगी ममता बनर्जी, INDIA ब्लॉक ने किया बहिष्कार

Last Updated 26 Jul 2024 03:54:59 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए शनिवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लेने की पुष्टि कर दी है।


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वह 27 जुलाई को दिल्ली में नीति आयोग की होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगी।

इससे इन अटकलों पर विराम लग गया कि कहीं ममता भी विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह बैठक का बहिष्कार तो नहीं करेंगी।

दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में ममता ने कहा कि वह बैठक में शिरकत करेंगी और ‘भेदभावपूर्ण बजट प्रस्तावों’ तथा ‘बंगाल और विपक्ष शासित अन्य राज्यों को विभाजित करने की साजिश’ के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगी।

ममता ने कहा, ‘‘मुझसे बैठक से सात दिन पहले अपना लिखित भाषण भेजने के लिए कहा गया था, जो मैंने भेज दिया। यह केंद्रीय बजट पेश होने से पहले की बात है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मुझे बैठक में अपना भाषण देने और विपक्ष शासित राज्यों के खिलाफ भेदभाव और राजनीतिक पूर्वाग्रह के अलावा बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने का मौका मिला, तो मैं ऐसा करूंगी। वरना मैं बैठक से बाहर चली जाऊंगी।’’

ममता अपने भतीजे और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद-सह-राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के साथ राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा एक दिन के लिए टालने के बाद शुक्रवार दोपहर दिल्ली के लिए रवाना हुईं।

यात्रा के टलने से यह अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि क्या ममता बनर्जी भी उन मुख्यमंत्रियों की सूची में शामिल होंगी जो बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। ममता ने पूर्व में नीति आयोग की बैठक में भाग लेने की इच्छा व्यक्त की थी।

गैर भाजपा शासित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय बजट के विरोध स्वरूप बैठक में शामिल नहीं होने की घोषणा की है। उनका आरोप है कि बजट में उनके राज्यों से भेदभाव किया गया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन (द्रमुक), केरल के मुख्यमंत्री और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता पिनराई विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (आम आदमी पार्टी) और कांग्रेस शासित राज्यों कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बैठक में शामिल नहीं होने की घोषणा की है।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (झामुमो) के बैठक में शामिल होने की संभावना है। हालांकि, पहले ऐसी खबरें आई थीं कि वह भी बैठक में भाग नहीं लेंगे।

ममता ने कहा, ‘‘बंगाल समेत सभी विपक्ष शासित राज्यों को इस बजट में पूरी तरह से वंचित रखा गया है। केंद्र ने इन राज्यों के प्रति सौतेला व्यवहार किया है। हमारे खिलाफ इस तरह के भेदभाव और राजनीतिक पूर्वाग्रह को मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ मिलाने के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह ऐसे बयानों की कड़ी निंदा करती हैं, जो ऐसे समय में आ रहे हैं, जब संसद का सत्र चल रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया।

उन्होंने कहा, ‘‘बंगाल, बिहार, झारखंड और असम को बांटने की साजिश चल रही है। मंत्री बयान दे रहे हैं, वहीं भाजपा के अन्य धड़ों से भी राज्यों को बांटने की मांग उठ रही है। बंगाल को बांटने का मतलब है भारत को बांटना।’’

इस ‘‘साजिश’’ को ‘‘आर्थिक नाकेबंदी के अलावा भौगोलिक और राजनीतिक नाकेबंदी’’ बताते हुए ममता ने कहा कि वह नीति आयोग की बैठक में शिरकत करने के अपने पहले के रुख पर कायम रहेंगी, लेकिन अपना विरोध दर्ज कराएंगी।

ममता ने कहा, ‘‘हेमंत सोरेन भी बैठक में मौजूद रहेंगे। हम उनकी (जो मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे) ओर से बोलेंगे जो मौजूद नहीं होंगे।’’

भाषा
कोलकाता


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