केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियम के तहत नियम कहते हैं कि बिजली के खंभे से वोल्टेज स्तर के आधार पर घरों की ऊंचाई 2.5-3.7 मीटर और चौड़ाई 1.2-2 मीटर होनी चाहिए।
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13 जुलाई को, एक 34 साल की महिला यमुना विहार में पानी से भरी सड़क से गुजर रही थी, तभी वह गिर गई। जमीन पर गिरे बिजली के तार की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। दिल्ली में ऐसे हादसे कोई नई बात नहीं है । बिजली विभाग के साझा किए गए आंकड़ों के मानें तो पिछले साल बिजली गिरने की 50 घटनाएं सामने आईं, जिनमें बच्चों समेत 26 लोगों की मौत हुई थी।
ऐसी निर्मम घटनाओं की वजह बिजली के खंभों के आसपास अतिक्रमण और घरों का अवैध विस्तार बताया जा रहा है। । 2019 से 2023 तक सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए निवासियों को 1.20 लाख से अधिक नोटिस जारी की जा चुकी हैं। उत्तरी दिल्ली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के अंतर्गत आता है, जबकि दक्षिण और ट्रांस-यमुना क्षेत्र बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड के अधिकार क्षेत्र में हैं। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियम के तहत नियम कहते हैं कि बिजली के खंभे से वोल्टेज स्तर के आधार पर घरों की ऊंचाई 2.5-3.7 मीटर और चौड़ाई 1.2-2 मीटर होनी चाहिए।