Rajiv Gandhi Death Anniversary: राजीव गांधी की 33वीं पुण्यतिथि पर सोनिया-राहुल और खरगे समेत कई कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

Last Updated 21 May 2024 10:08:34 AM IST

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं ने मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।




सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं ने राजीव गांधी के समाधि स्थल 'वीर भूमि' पर जाकर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी।

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उनके बेटे व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें याद करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि राजीव गांधी की आकांक्षाएं पूरी करना उनकी जिम्मेदारी है। राहुल गांधी ने अपनी भावनात्मक पोस्ट साझा की है जिसमें उन्होंने लिखा, "पापा, आपके सपने, मेरे सपने, आपकी आकांक्षाएं, मेरी ज़िम्मेदारियां। आपकी यादें, आज और हमेशा, दिल में सदा।" 

राजीव गांधी वर्ष 1984 से 1989 तक देश के प्रधानमंत्री थे। साल 1991 में उनकी हत्या कर दी गई। उनकी हत्या तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर के एक चुनावी रैली के दौरान की गई थी। यहां लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के सदस्यों ने आत्मघाती बम विस्फोट के जरिए राजीव गांधी को मारा था।

राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी ने दिल्ली में वीरभूमि पर उनको श्रद्धांजलि दी। वीर भूमि पहुंचने वाले कांग्रेस नेताओं में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और सचिन पायलट समेत कई कांग्रेस नेता शामिल रहे।

खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "21वीं सदी के आधुनिक भारत के स्वप्नदृष्टा, भारतीय सूचना क्रांति के जनक, पंचायतीराज सशक्तीकरण के सूत्रधार, एवं शांति व सद्भाव के पुरोधा पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न राजीव गांधी जी के बलिदान दिवस पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।"

उन्होंने कहा, ‘‘भारत को एक सुदृढ़ एवं सशक्त राष्ट्र बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद किया जाएगा।"

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने देश में प्रौद्योगिकी के विकास और कई क्षेत्रों में शांति की स्थापना के लिए किए गए राजीव गांधी के प्रयासों को याद किया।

उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया, "33 साल पहले राजीव गांधी शहीद हुए थे। उनका राजनीतिक जीवन बहुत छोटा लेकिन बेहद प्रभावशाली था। उन्होंने अपने पीछे अनगिनत विरासतें छोड़ीं जिन्हें अब हम हल्के में लेते हैं। इनमें 18 वर्ष के युवाओं का वोट देने का अधिकार, पंचायतों और नगर पालिकाओं का संवैधानिक सशक्तीकरण, कंप्यूटर और टेलीकॉम युग में एक प्रमुख शक्ति के रूप में प्रवेश, सामाजिक चिंताओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग, भारत के अंतरिक्ष और परमाणु कार्यक्रमों को मजबूत बनाने जैसे कदम शामिल हैं।"

उन्होंने असम, मिजोरम, त्रिपुरा और पंजाब में शांति स्थापना के लिए किए गए उनके प्रयासों का भी उल्लेख किया।

रमेश ने कहा, "राजीव गांधी की एक विरासत, जिसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है कांग्रेस का 1991 का घोषणापत्र, जिसे उन्होंने 15 अप्रैल, 1991 को जारी किया था और जिस पर उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 10 दिन की अवधि का लंबा समय बिताया था। केवल एक अखबार 'द टेलीग्राफ' ने अगले दिन अपने शीर्षक में इसके महत्व को दर्शाया था। शीर्षक भविष्यसूचक साबित हुआ।''

उनके मुताबिक, 23 जुलाई 1991 को कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक में वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ने नरसिम्हा राव सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों को लेकर लाए गए परिवर्तनों को उचित ठहराने के लिए इस घोषणापत्र को उद्धृत किया था।

राजीव गांधी 1984 से 1989 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे। उनकी 1991 में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के सदस्यों ने हत्या कर दी थी।
 

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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