Electoral Bond Data: चुनावी बॉण्ड का आंकड़ा जारी, इन कंपनियों ने दिया है सबसे ज्यादा चंदा
स्टील कारोबारी लक्ष्मी मित्तल से लेकर अरबपति सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा से लेकर कम प्रसिद्ध फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज अब रद्द किए जा चुके चुनावी बॉण्ड के प्रमुख खरीदारों में शामिल थे।
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निर्वाचन आयोग ने गुरूवार को अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉण्ड के आंकड़े सार्वजनिक कर दिये। उच्चतम न्यायालय ने यह जानकारी साझा करने के लिए आयोग को 15 मार्च तक की समय सीमा दी थी।
लेकिन इसमें किस दान–दाता ने किस राजनीतिक पार्टी को कितनी रकम दी‚ स्पष्ट नहीं है। औद्योगिक घरानों ने कितनी रकम किस राजनीतिक दल को दी‚ इसका खुलासा नहीं किया गया है।
इस बीच निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है। इस पर संविधान पीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगा। निर्वाचन आयोग ने अर्जी में कहा कि सुनवाई के दौरान उसने बंद लिफाफे में जो गोपनीय दस्तावेज अदालत को सौंपे थे‚ वे वापस किए जाएं।
आयोग ने कहा कि उसने अपने पास इन दस्तावेजों की प्रति अपने पास नहीं रखी थी।
निर्वाचन आयोग ने ‘एसबीआई द्वारा प्रस्तुत चुनावी बॉन्ड के प्रकटीकरण' पर विवरण दो भागों में रखा है। चुनावी बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में भाजपा‚ कांग्रेस‚ एआईएडीएमके‚ बीआरएस‚ शिवसेना‚ टीडीपी‚ वाईएसआर कांग्रेस‚ द्रमुक‚ जेडीएस‚ राकांपा‚ तृणमूल कांग्रेस‚ जदयू‚ राजद‚ आप और समाजवादी पार्टी आदि शामिल हैं।
फ्यूचर गेमिंग की मार्च 2022 में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की गई थी। इसने दो अलग-अलग कंपनियों के तहत 1,350 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉण्ड खरीदे।
जाने-माने कॉरपोरेट्स समूहों में अग्रवाल की वेदांता लिमिटेड ने 398 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे, जबकि सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
स्टील कारोबारी लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी व्यक्तिगत क्षमता में 35 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे। कई बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के अनुबंध हासिल करने वाली हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग ने 966 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
अधिकांश बॉण्ड जहां राजनीतिक दलों के नाम पर जारी किए गए हैं, वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को दिया गया चंदा ‘अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी’ और ‘अध्यक्ष समाजवादी पार्टी’ के नाम पर दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च को आयोग के साथ आंकड़े साझा किये थे। एसबीआई चुनावी बॉण्ड का अधिकृत विक्रेता था।
शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग को उसकी वेबसाइट पर आंकड़े अपलोड करने के लिए 15 मार्च शाम पांच बजे तक का समय दिया था।
निर्वाचन आयोग ने ‘एसबीआई द्वारा प्रस्तुत चुनावी बॉण्ड के प्रकटीकरण’ पर विवरण दो भागों में प्रस्तुत किया है, जिसके पहले भाग में खरीदारों की सूची और दूसरे भाग में लाभार्थी दलों की सूची है।
उच्चतम न्यायालय के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि एक अप्रैल, 2019 से इस साल 15 फरवरी के बीच दानदाताओं द्वारा अलग-अलग मूल्यवर्ग के कुल 22,217 चुनावी बॉण्ड खरीदे गए, जिनमें से राजनीतिक दलों द्वारा 22,030 बॉण्ड भुनाये गये।
आयोग द्वारा अपलोड किए गए आंकड़ों के अनुसार, चुनावी बॉण्ड के खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।
आंकड़ों के मुताबिक चुनावी बॉण्ड भुनाने वाली पार्टियों में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, एआईएडीएमके, बीआरएस, शिवसेना, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, द्रमुक, जेडीएस, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, जदयू, राजद, आप और समाजवादी पार्टी, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजद, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी शामिल है।
उच्चतम न्यायालय के पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में अनाम राजनीतिक फंडिंग की इजाजत देने वाली केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था। पीठ ने इसे “असंवैधानिक” कहा था और निर्वाचन आयोग को दानदाताओं, उनके द्वारा दान की गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का खुलासा करने का आदेश दिया था।
लक्ष्मी निवास मित्तल के अलावा, चुनावी बॉण्ड के माध्यम से दान देने वाले व्यक्तियों में किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बी.के. गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका नाम की एक महिला शामिल हैं।
गाजियाबाद स्थित यशोदा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने 162 बॉण्ड खरीदे, जिनमें से ज्यादातर एक करोड़ रुपये के थे।
बजाज ऑटो ने 18 करोड़ रुपये, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़ रुपये, इंडिगो की तीन कंपनियों ने 36 करोड़ रुपये, स्पाइसजेट ने 65 लाख रुपये और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
मुंबई स्थित क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपये और हल्दिया एनर्जी ने 377 करोड़ रुपये के बॉण्ड खरीदे।
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518 करोड़ रुपये के कुल 28,030 चुनावी बॉण्ड बेचे गए हैं।
उसने कहा कि भाजपा को चुनावी बॉण्ड के माध्यम से 6,566 करोड़ रुपये या 54.77 प्रतिशत का सबसे अधिक योगदान प्राप्त हुआ है, इसके बाद कांग्रेस को 1,123 करोड़ रुपये या 9.37 प्रतिशत, तृणमूल कांग्रेस को 1,092 करोड़ रुपये या 9.11 प्रतिशत का योगदान मिला है।
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