Fatwa against Omar Ahmed Ilyasi: अयोध्या राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने पर इमाम के खिलाफ फतवा जारी

Last Updated 30 Jan 2024 07:52:51 AM IST

Fatwa against Omar Ahmed Ilyasi: आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इलियासी (Omar Ahmed Ilyasi) के खिलाफ 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के कारण उनके खिलाफ 'फतवा' जारी किया गया है।


आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इलियासी

Fatwa against Omar Ahmed Ilyasi: आल इंडिया इमाम आर्गेनाइजेशन के मुख्य इमाम उमर अहमद इलियासी (Omar Ahmed Ilyasi) ने सोमवार को कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या में राममंदिर में आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए उनके खिलाफ एक 'फतवा' (Fatwa) जारी किया गया।

इमाम उमर अहमद इलियासी (Omar Ahmed Ilyasi) ने कहा कि घटना के दिन से, उन्हें लोगों के एक वर्ग द्वारा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है और 'फोन पर धमकियां' भी मिल रही हैं।

यह समारोह 22 जनवरी को आयोजित हुआ था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भाग लिया था। इस समारोह में विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों से 7,000 से अधिक आमंत्रित अतिथि शामिल हुए थे।

इलियासी ने कहा कि फतवा (Fatwa) उन्हें 'सोशल मीडिया पर' एक व्यक्ति द्वारा जारी किया गया और उसमें उनके मोबाइल फोन नंबर का उल्लेख किया गया था और उसे सभी इमामों और मस्जिद प्राधिकारियों को भेजा गया था और उनसे 'मेरा बहिष्कार' करने के लिए कहा गया।

उन्होंने कहा कि फतवे (Fatwa) में 'मुझसे माफी मांगने' और 'अपने पद से इस्तीफा देने' के लिए भी कहा गया है।

मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित में सोचा तथा यह निर्णय लिया

इमाम ने कहा, ''उन्होंने किस बात से प्रेरित होकर फतवा (Fatwa) जारी किया, यह तो वे ही जानते हैं... राम जन्मभूमि (मंदिर) ट्रस्ट ने मुझे एक निमंत्रण भेजा था, जिसे मैंने स्वीकार कर लिया।’’

इमाम ने कहा, ‘‘इसके बाद दो दिनों तक मैं सोचता रहा कि मुझे क्या निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा निर्णय था। लेकिन फिर मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित में सोचा तथा यह निर्णय लिया और अयोध्या गया।''

मेरा उद्देश्य 'पैगाम-ए-मोहब्बत' देना था, माफी का सवाल ही नहीं

इमाम ने कहा कि अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य 'पैगाम-ए-मोहब्बत' देना था, जो मैंने वहां पहुंचाया।’’

इमाम ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।

जो लोग मुझसे नफरत करते है, वे पाकिस्तान चले जाएं

डॉ उमेर अहमद ने कहा कि जो लोग देश को प्यार करते हैं, वे मेरे साथ हैं। जिन लोगों को मेरे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने से दिक्कत है और मुझसे नफरत करते है, वे लोग पाकिस्तान चले जाएं। मैंने प्यार का पैगाम दिया है, धमकी देने वाले चाहे जो चाहते हैं कर लें।

क्या है उमेर अहमद के खिलाफ फतवे में

उमेर अहमद के खिलाफ फतवे में उनकी आलोचना की गई है और एक इमाम परिवार से होने के बावजूद अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल उठाया गया था।

फतवे में इमाम उमेर अहमद पर हिंदुओं को खुश करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया गया। उमेर के विरोधियों ने यह भी आरोप लगाया कि राम मंदिर जाने और अपना बयान देने से पहले तुम्हारे मन में यह बात नहीं आई कि तुम मौलाना जमील इलियासी के बेटे हो, मेवात के जाने-माने इस्लाम उपदेशक के  परिवार से हो?

अरे नादान, इमामों के सरदार तुम कब से बन गए? तुम हिंदुओं की नजर में अच्छा बनना और उन्हें खुश करने के लिए राम मंदिर गए थे।

 

भाषा
नई दिल्ली


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