Uttarkashi Tunnel Accident: सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी, NDRF ने की मॉक ड्रिल, जल्द बाहर आएंगे मजदूर
सिलक्यारा टनल हादसे को हुए 13 दिन हो गए हैं। टनल में 41 मजदूर अपनी जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए देश विदेश की तमाम एजेंसियां, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीआरओ सभी युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे हुए हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान में आ रही बाधाओं और रुकावटों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने टनल से बाहर आने पर श्रमिकों के स्वास्थ्य और जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल या घर भेजने समेत तमाम व्यवस्था करने के निर्देश भी सीएम धामी को दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोजाना सिलक्यारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों एवं उनके परिजनों के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को फोन कर अपडेट ले रहे हैं। शुक्रवार की बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि न्यू ऑस्ट्रियन टनल मेथड से इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस्पात से बनी वस्तुओं के ऑगर मशीन के सामने आने पर कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। ऐसे में ऑगर मशीन को रोककर और फिर उसे बाहर निकालकर सभी अवरोधों को श्रमिकों द्वारा दूर किया जा रहा है, जिसके कारण इस प्रक्रिया में समय लग रहा है।
मुख्यमंत्री को इस दौरान प्रधानमंत्री ने विशेष निर्देश दिए कि जब श्रमिक टनल से बाहर निकलेंगे तो उनके स्वास्थ्य परीक्षण और चिकित्सकीय देखभाल पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। प्रधानमंत्री ने इस दौरान सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों की स्थिति और उनको दी जाने वाली खाद्य और दैनिक दिनचर्या की वस्तुओं के बारे में जानकारी लेने के साथ ही राहत और बचाव कार्य में लगे श्रमिकों की स्थिति और उनके लिए किए जा रहे सुरक्षा के उपाय के बारे में पूछा और निर्देश दिए कि इसमें किसी तरह की कोई कमी न रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत और बचाव कार्यों में लगी टीम पूरे मनोयोग एवं अथक परिश्रम से जुटी हुई है। इन श्रमिकों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेस्क्यू स्थल पर प्री कॉस्ट आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और ह्यूम पाइप के जरिए सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल बनाई गई है। इससे किसी भी आपात स्थिति में सुरंग के भीतर रेस्क्यू में जुटे लोगों को सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो सकेगी। सुरक्षा से जुड़ी अन्य विशेष हिदयतों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन में केंद्रीय एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय बनाने हेतु राज्य सरकार की ओर से एक सचिव स्तर के अधिकारी को सिलक्यारा में ही तैनात किया गया है। उत्तरकाशी जिला प्रशासन और राज्य का आपदा प्रबंधन तंत्र प्रतिबद्धता के साथ जुड़ा हुआ है। सरकार श्रमिकों के परिजनों का भी ध्यान रख रही है। परिजनों के आवास, भोजन, कपड़े एवं परिवहन की व्यवस्था की गई है। परिजनों के समन्वय और उनकी सुविधाओं के जिला एवं राज्य स्तर पर अलग से अधिकारियों की तैनाती की गई है।
गुरुवार रात से सिलक्यारा टनल में ड्रिलिंग कर रही रेस्क्यू टीमों के आगे एक के बाद एक कई बाधाएं आईं। अब उन बाधाओं को दूर कर लिया गया है। वहीं अब उम्मीद की जा रही है कि शुक्रवार शाम तक रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया जाएगा।
पीएमओ के पूर्व सलाहकार और उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू साइट पर रेस्क्यू ऑपरेशन को लीड कर रहे भास्कर खुल्बे ने कहा कि आज शाम तक राहत और बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
खुल्बे ने बताया कि 11.30 बजे तक ड्रिलिंग शुरू कर दी गई है। अब सिलक्यारा टनल में 12 मीटर के करीब ड्रिलिंग बची है।
खुल्बे ने बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार अध्ययन से पता चला है कि सुरंग के अंदर अगले 5 मीटर तक कोई अवरोध नहीं है। हमें उम्मीद है कि हम आज शाम मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाल लेंगे।
साथ ही भास्कर खुल्बे ने कहा कि स्थिति अब पहले से काफी बेहतर है। गुरुवार रात हमें दो चीजों पर काम करना था। पहला, हमें मशीन के प्लेटफॉर्म को नया रूप देना था।
दरअसल गुरुवार को अमेरिकन ऑगर मशीन का प्लेटफॉर्म ढह गया। अब इस प्लेटफॉर्म को नया रूप देकर काम के लिए तैयार कर लिया गया है।
खुल्बे ने कहा, पार्सन्स कंपनी ने ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार का काम किया था। इससे हमें पता चला कि अगले 5 मीटर तक सुरंग के रास्ते में कोई धातु अवरोध नहीं है। इसका मतलब है कि हमारी ड्रिलिंग सुचारू होनी चाहिए। जब हम मलबा निकाल रहे थे, तो हमें दो टूटे हुए पाइप मिले।
दरअसल, गुरुवार रात जब उत्तरकाशी टनल में रेस्क्यू कार्य अपने आखिरी चरण की ओर बढ़ रहा था तो अचानक बीच में स्टील पाइप आ गई। जिसके बाद ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया। फिर उस पाइप को काटकर हटाना पड़ा।
वहीं जनरल वीके सिंह गुरुवार से ही उत्तरकाशी में हैं। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार से रेस्क्यू स्थल पर ही डेरा जमाया हुआ है। सीएम समय-समय पर सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों से बात भी कर रहे हैं। उनको आश्वस्त कर रहे हैं कि जल्द उनका सुरक्षित रेस्क्यू होने वाला है।
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