सहाराश्री की सोच को और तेजी से आगे बढ़ाना होगाः ओपी श्रीवास्तव
सहारा इंडि़या परिवार के उप प्रबंध कार्यकर्ता श्री ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि मृत्यु जीवन की सच्चाई और विधि का विधान है। ऐसे समय का सामना सभी को करना पड़़ता है।
![]() प्रयागराजः मंगलवार को माननीय सहाराश्री की अस्थियां विसर्जित करने के उपरांत अपने विचार रखते सहारा इंडि़या परिवार के उप प्रबंध कार्यकर्ता श्री ओपी श्रीवास्तव। साथ में हैं उप प्रबंध कार्यकर्ता श्री जेबी रॉय‚ वरिष्ठ सलाहकार श्री अनिल विक्रम सिंह एवं अधिश |
सहारा इंडि़या परिवार के मुख्य अभिभावक ‘सहाराश्री' के नहीं रहने से समूचे सहारा इंडि़या परिवार को अपूर्णनीय क्षति हुई है। लेकिन अब हम सबको अपने अभिभावक की सोच‚ विचार व दिशा को आगे और तेज गति से बढ़ाने का संकल्प लेना होगा।
सहारा परिवार के उप प्रबंध कार्यकर्ता श्री ओपी श्रीवास्तव ने मंगलवार को सहाराश्री के अस्थि कलश विसर्जन के बाद बोट क्लब पर सहारा इंडि़या परिवार के कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित करने के दौरान यह विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि मुझे 45 साल तक लगातार सहारा इंडि़या परिवार के मुख्य अभिभावक सहाराश्री के साथ काम करने का अवसर मिला। यह संस्था 2011 से युद्ध जैसी लड़़ाई लड़़ रही है‚ लेकिन लम्बी लड़़ाई के बावजूद सहारा के मनोबल में कोई कमजोरी नहीं आयी है। सोशल मीडि़या द्वारा संस्था के बारे में नकारात्मक प्रचार–प्रसार किये जाने के बावजूद भी मुख्य अभिभावक सहाराश्री ने कभी भी अपनी नाराजगी व्यक्त नहीं की।
उन्होंने कहा कि सहारा कर्तव्ययोगियों को सशंकित होने की कोई आवश्यकता नहीं है। विधि के विधान को कोई नहीं बदल सकता। जीवन की यही सच्चाई है। अब हम सबको अपने मुख्य अभिभावक सहाराश्री की सोच‚ विचार व दिशा को और आगे तेज गति से बढ़ाने का संकल्प लेने की जरूरत है।
इसके पूर्व सहारा इंडि़या परिवार के उप प्रबंध कार्यकर्ता श्री ओपी श्रीवास्तव ने सहाराश्री की अस्थि कलश यात्रा में शामिल सभी कर्त्तव्ययोगियों का तहे दिल से धन्यवाद व शुक्रिया अदा किया। साथ ही सभी कर्त्तव्ययोगियों को 24 नवम्बर को लखनऊ में होने वाले ब्रह्मभोज में शामिल होने का आमंत्रण दिया।
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