योग किसी पंथ या समूह विशेष का नहीं, समस्त मानवता की अनमोल विरासत है: लोकसभा अध्यक्ष
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) ने योग के जरिए पूरी दुनिया के 'इलनेस' से 'वेलनेस' (बीमारी से आरोग्य) की ओर जाने का दावा करते हुए कहा है कि योग किसी पंथ विशेष या समूह विशेष का नहीं, बल्कि समस्त मानवता की अनमोल विरासत है, इसने समग्र स्वास्थ्य क्रांति के युग का संचार किया है।
![]() लोकसभा अध्यक्ष ओस बिरला |
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के उपलक्ष्य पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने बुधवार को संसद भवन परिसर में योग अभ्यास (Yoga practice in the Parliament House complex0 का नेतृत्व किया। इस अवसर पर बिरला ने सभी विशिष्टजनों और उपस्थित अन्य जनों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज के दिन सभी भारतवासियों के साथ विश्व के 200 से अधिक देशों के लोग भी योग कर रहे हैं। उन्होंने हर्ष व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ में विश्व के कई देशों के प्रतिनिधियों के साथ योग अभ्यास में नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने सांस्कृतिक विरासत का जिक्र करते हुए कहा कि योग जन-जन, समाज और सम्पूर्ण विश्व को जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने आगे कहा कि आज भारत पूरे विश्व को जोड़ने का पुनीत कार्य कर रहा है तथा पूरे विश्व में शांति, स्थिरता एवं शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए कार्य कर रहा है। योग की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है और इसके विश्वव्यापी, सर्वव्यापी लाभ आज सभी को मिल रहे हैं।
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के थीम 'योगा फॉर वसुधैव कुटुंबकम्' का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि योग के रूप में भारत ने दुनिया को एक अनुपम उपहार दिया है तथा सभी को स्वस्थ तन और स्वस्थ मन की उपयोगिता बताई है। उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार लोकतंत्र भारत की प्राचीन संस्कृति है, उसी तरह योग देश की जीवन शैली और चिंतन शैली है, जिसे आज दुनिया अपना रही है।
योग ने समकालीन समय में समग्र स्वास्थ्य क्रांति के युग का संचार किया है जिसमें इलाज की बजाय रोग प्रतिरोधक क्षमता के निर्माण पर अधिक ध्यान दिया गया है। आज के बदलते परिप्रेक्ष्य में विश्व 'इलनेस' से 'वेलनेस' की ओर जा रहा है और योग सभी को इसके लिए समर्थ बना रहा है। योग व्यक्ति को समग्र रूप से स्वयं को रूपांतरित और विकसित करने की आध्यात्मिक विद्या है और इसी कारण वर्तमान में योग की लोकप्रियता एवं स्वीकार्यता पूरे विश्व में बढ़ी है।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि योग किसी पंथ विशेष या समूह विशेष का नहीं है, बल्कि समस्त मानवता की अनमोल विरासत है और एक स्वस्थ विश्व का आधार है। योग शारीरिक और मानसिक अनुशासन का संयोजन है जो शरीर को मजबूत और स्वस्थ बनाता है जिससे मन को शांत और नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। योग के अनगिनत लाभों का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि योग मनुष्य की कार्य कुशलता व कार्यक्षमता को बढ़ाता है तथा कार्यशैली को बेहतर बनाता है।
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