BJP और कांग्रेस ने बनाया कर्नाटक में चुनाव हिंदुत्व बनाम गैर हिंदुत्व
BJP और कांग्रेस (Congress) ने कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) को हिंदुत्व बनाम गैर-हिंदुत्व (Hinduism vs Non-Hinduism) बना दिया है।
![]() BJP और कांग्रेस ने बनाया कर्नाटक में चुनाव हिंदुत्व बनाम गैर हिंदुत्व |
भाजपा ने हिंदुओं को एकजुट करने के लिए राज्य के मुसलमानों का चार प्रतिशत आरक्षण खत्म किया तो कांग्रेस ने RSS के अनुशांगिक संगठन बजरंग दल (Bajrang Dal) पर प्रतिबंधन लगाने की घोषणा कर दी।
कांग्रेस ने आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत करने की घोषणा कर भाजपा के नहले पर दहला मारा है। साथ ही कांग्रेस ने हिमाचल की तर्ज पर पुरानी पेंशन योजना को भी अपने घोषणापत्र में शामिल कर भाजपा की दुखती नब्ज पर हाथ रख दिया है।
कर्नाटक चुनाव जीतना भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। कर्नाटक भाजपा के लिए दक्षिण का द्वार है। कर्नाटक चुनाव जीतकर आगामी दिसम्बर में होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए सकारात्मक माहौल बनाना और फिर उस माहौल को 2024 के लोकसभा तक ले जाना है। जबकि कांग्रेस के लिए कर्नाटक चुनाव राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और मानहानि मामले में मिली दो साल की सजा के खिलाफ सहानुभूति लहर का फायदा उठाना है। यदि कांग्रेस यह चुनाव हार गई तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को असफल माना जाएगा।
इसी कारण भाजपा और कांग्रेस ने अपनी अपनी लाइन स्पष्ट तौर पर तय कर दी है। भाजपा ने कट्टर हिंदुत्व लाइन ले ली तो कांग्रेस से गैर हिंदू लाइन ले ली है। कर्नाटक में 18 प्रतिशत लिंगायत और 17 प्रतिशत वोक्कालिंगा है जबकि 13 प्रतिशत मुसलान और 2 प्रतिशत ईसाई हैं। लिंगायत और वोक्कालिंगा अपने को अलग धर्म मानते हैं। भाजपा सरकार ने मुसलमानों को चार प्रतिशत आरक्षण खत्म कर दोनों समुदायों में दो-दो प्रतिशत बांट दिया। अमित शाह ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार की शुरुआत ही इसी मुद्दे की कि उन्होंने मुसलमानों का आरक्षण समाप्त कर उसे वोक्कालिंगा और लिंगायत में बांट दिया है , यदि कांग्रेस जीती तो मुसलमानों को फिर से आरक्षण दे देगी।
कांग्रेस ने आज अपना घोषणा पत्र जारी (Karnagaka Congress Menifesto) कर भाजपा के एंटी मुस्लिम (anti muslim) रुख को अपनी तरफ खींचने के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने की घोषणा कर दी। कांग्रेस ने बजरंग दल और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की भी घोषणा की है। मुसलमान पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने से उतने नाराज नहीं हैं, जितना बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा से खुश होंगे। क्योंकि कर्नाटक में बजरंग दल का रुख आक्रामक रहता है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन लागू करने की भी घोषणा कर दी है। यह मुद्दा पूरे देश में गंभीर बना हुआ है। केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारी 2004 से पहले की पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं। पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना ने पुरानी पेंशन लागू कर दी है। इसी मुद्दे पर भाजपा हिमाचल चुनाव हार गयी थी।
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