'संदिग्ध' बजट ने लोगों के विशाल बहुमत की उम्मीदों को धोखा दिया है : चिदंबरम

Last Updated 02 Feb 2023 07:40:19 AM IST

कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को सरकार पर आम आदमी की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में प्रमुख चिंताओं का अभाव दर्शाता है और यह कि सरकार लोगों और उनके हितों से कितनी दूर है।


कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम

सरकार जीवन, आजीविका, अमीर और गरीब के बीच बढ़ती असमानता के बारे में चिंतित नहीं है। उन्होंने इसे कठोर बजट करार देते हुए कहा कि इसने लोगों के विशाल बहुमत की उम्मीदों को 'धोखा' दिया है।

चिदंबरम ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा : "वित्तमंत्री ने अपने भाषण में कहीं भी बेरोजगारी, गरीबी, असमानता जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया है। उन्होंने दयालुता दिखाते हुए अपने भाषण में दो बार गरीब शब्द का उपयोग किया है। मुझे यकीन है कि भारत के लोग इस पर ध्यान देंंगे कि कौन सरकार के सरोकार में है और कौन नहीं।"

उन्होंने कहा कि पिछले साल, सरकार ने 2021-22 के लिए 232,14,703 रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया था और 11.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर मानकर 2022-23 के लिए 258,00,000 करोड़ रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया था। वित्तवर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी तब से संशोधित होकर 236,64,637 करोड़ रुपये हो गई है।

उन्होंने कहा कि आज के बजट पत्रों में 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद 273,07,751 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 15.4 प्रतिशत की वृद्धि दर देता है, जो पहले के अनुमान से काफी अधिक है।

चिदंबरम ने यह भी कहा कि छोटी संख्या को छोड़कर कोई कर कम नहीं किया गया है, जिन्होंने नई कर व्यवस्था का विकल्प चुना है, जबकि कोई अप्रत्यक्ष कर कम नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा, "क्रूर और तर्कहीन जीएसटी दरों में कोई कटौती नहीं हुई है। पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, उर्वरकों की कीमतों में कोई कमी नहीं हुई है और कई अधिभार और उपकरों में कोई कटौती नहीं हुई है, जो किसी भी तरह से राज्य सरकारों के साथ साझा नहीं की जाती हैं।"

चिदंबरम ने कहा, "इस बजट से किसे फायदा हुआ है? निश्चित रूप से गरीबों को नहीं। नौकरी की तलाश में भटक रहे युवाओं को नहीं। उन लोगों को नहीं, जिन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। करदाताओं का बड़ा हिस्सा नहीं। गृहिणी नहीं। बढ़ती असमानता, अरबपतियों की संख्या में वृद्धि और 1 प्रतिशत आबादी के हाथों में संपत्ति जमा होने से हैरान आम भारतीय नहीं। निश्चित रूप से, आप नहीं।"

उन्होंने सरकार पर अन्य वाणिज्यिक और वित्तीय केंद्रों की कीमत पर गिफ्ट सिटी, अहमदाबाद, ए के भाग्य को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होने का भी आरोप लगाया। सरकार भी 'नई' कर व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

उन्होंने कहा, "इसके अलावा, नई कर व्यवस्था को डिफॉल्ट विकल्प बनाना घोर अनुचित है और साधारण करदाता को पुरानी कर व्यवस्था के तहत मिलने वाली मामूली सामाजिक सुरक्षा से वंचित कर देगा।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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