जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद केवल पाकिस्तान के साथ वार्ता से ही खत्म किया जा सकता है : फारूक अब्दुल्ला

Last Updated 20 Jan 2023 10:46:31 AM IST

नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब भी जिंदा है और इसे केवल पाकिस्तान के साथ वार्ता के माध्यम से ही खत्म किया जा सकता है।


फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

अब्दुल्ला ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भारत में ‘‘नफरत फैलाने’’ और देश की अखंडता को खतरे में डालने का आरोप भी लगाया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने गुरूवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं आपको अपने खून से लिखकर दे सकता हूं कि आतंकवाद अब भी जिंदा है और यह पाकिस्तान के साथ वार्ता शुरू करने तक खत्म नहीं होगा। जब आप चीन से बात कर सकते हैं, जो हमारी सीमा और जमीन में 16 बार घुस चुका है तो आप पाकिस्तान से बात करने से क्यों कतरा रहे हैं।’’

नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने बृहस्पतिवार को राहुल गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जम्मू-कश्मीर में दाखिल होने पर उसका स्वागत किया था। कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अपने अंतिम चरण में बृहस्पतिवार शाम पंजाब के पठानकोट से केंद्र-शासित प्रदेश में दाखिल हुई थी।

यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान से बात करने से जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो जाएगा, अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘हमें एक प्रयास करना होगा, लेकिन वे (भाजपा सरकार) अनिच्छुक हैं। उन्हें अपने वोट बैंक के लिए मुसलमानों और हिंदुओं को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने के वास्ते नफरत फैलानी है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं और हमारे देश के मुसलमानों की सुरक्षा की परवाह किए बिना नफरत फैला रहे हैं। लोगों के दिलों से नफरत नहीं निकाली गई तो भारत की अखंडता के सामने खतरा खड़ा हो जाएगा।’’

अब्दुल्ला ने फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘नफरत फैलाने और वोट बटोरने के लिए उनकी (कश्मीरी पंडितों) दुर्दशा का इस्तेमाल करने के लिए एक फिल्म (द कश्मीर फाइल्स) रिलीज की गई। वे (भाजपा) उनकी वापसी और पुनर्वास को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, लेकिन हुआ क्या? कश्मीर में जिन लोगों को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत नौकरी दी गई... आतंकवाद से उनकी जान को भी खतरा है, लेकिन यह उन्हें नजर नहीं आता।’’

अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद शुरू होने के बाद से कश्मीरी पंडित और मुसलमान, दोनों प्रभावित हुए हैं और यहां तक कि नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता और मंत्री भी बड़ी संख्या में मारे गए हैं।

भाषा
लखनपुर (जम्मू-कश्मीर)


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment