'तीन दशक से जेल में बंद सिख कैदी', कांग्रेस ने उठाई रिहाई की मांग
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग उठाई।
![]() कांग्रेस नेता मनीष तिवारी (फाइल फोटो) |
गुजरात में गोधरा कांड के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप केस में दोषी सभी 11 कैदियों को 15 अगस्त पर रिहा कर दिया गया है। दोषियों की रिहाई के एक दिन बाद कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने मंगलवार को जेलों में बंद सिख कैदियों की रिहाई की मांग उठाई। उन्होंने कहा, रेमिशन पॉलिसी (माफी नीति) देश भर में समान होनी चाहिए।
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, कुछ दोषियों को 15 साल बाद रिहा कर दिया जाता है, जबकि अन्य 30 साल या उससे अधिक समय तक जेल में रहते हैं। सिख कैदी 3 दशकों से जेल में बंद
है।
There must be uniformity across the country about definition of life imprisonment & remissions permissible.
— Manish Tewari (@ManishTewari) August 16, 2022
While some convicts walk free after 15 years others languish in jail for 30 years or more?Classical case- Sikh Prisoners in jail for 03 decades.
https://t.co/G5IvZIcKxq
2002 के बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने माफी नीति के तहत जेल से रिहा कर दिया।
मुंबई में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 21 जनवरी 2008 को सामूहिक बलात्कार और बिल्कीस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के जुर्म में 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोषियों ने 15 साल से ज्यादा जेल की सजा काट ली थी और उनमें से एक ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को दोषियों की रिहाई के मामले पर गौर करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद सरकार ने एक समिति का गठन किया, जिसने सर्वसम्मति से मामले के सभी 11 दोषियों को क्षमा करने के पक्ष में निर्णय किया।
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