भ्रष्टाचार और परिवारवाद को पीएम मोदी ने बताया दीमक, विरोधियों पर साधा निशाना

Last Updated 15 Aug 2022 11:46:05 AM IST

लालकिले से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद को लेकर विरोधी दलों पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ नफरत दिखती है, यह नफरत नजर भी आती है, लेकिन कभी-कभी भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता बरती जाती है जो किसी भी देश में शोभा नहीं देगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार गंदगी की तरह है जिसकी सफाई जरूरी है। नाम लिए बिना विरोधी दलों के कई नेताओं पर कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कई लोग तो इतनी बेशर्मी तक चले जाते हैं कि कोर्ट में सजा हो चुकी हो, भ्रष्टाचारी सिद्ध हो चुके हो, जेल जाना तय हो चुका हो, जेल गुजार रहे हो लेकिन इसके बावजूद भी उनका महिमामंडन करने में लगे रहते हैं, उनकी शान-शौकत और प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं।

मोदी ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए कहा कि जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है इसलिए भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह पर लाल किले की प्राचीर से भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद (परिवारवाद) को देश की बड़ी समस्या बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में देश एक निर्णायक काल खंड में प्रवेश कर रहा है और उन्हें भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए देश के 130 करोड़ लोगों का सहयोग और आशीर्वाद चाहिए।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उन्हें इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी है, लड़ाई को तेज करना है और इसके लिए वह देश की 130 करोड़ जनता का सहयोग मांगने आए हैं, ताकि वे इस लड़ाई को लड़ पाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौर में जो लोग बैंक लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। कइयों को जेलों में जीने को मजबूर करके रखा गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें इसे लौटाने के लिए मजबूर कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में एक तरफ वे लोग हैं, जिनके पास रहने को घर नहीं है और दूसरी तरफ वे लोग हैं, जिनके पास चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है।

प्रधानमंत्री ने परिवारवाद को लेकर भी विरोधी दलों पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि परिवारवाद और भाई भतीजावाद से देश को बचाना जरूरी है। परिवारवादी राजनीति परिवार के लिए होती है उसे देश से कोई लेना देना नहीं होता और इसलिए लालकिले की प्राचीर से तिरंगे की आन बान शान के नीचे वो यह कह रहे हैं कि देश को इन चुनौतियों, विकृतियों और बीमारियों से लड़ना ही होगा, क्योंकि अगर इसका समाधान नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में यह विकराल रूप ले सकते हैं।

मोदी ने कहा कि जब वो भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करते हैं, तो लोगों को लगता है कि वे सिर्फ राजनीति की बात कर रहे हैं। जी नहीं, दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की उस बुराई ने हिंदुस्तान के हर संस्थान में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। परिवारवाद देश की अनेक संस्थाओं को अपने मे लपेटे हुए है और उसके कारण देश के टैलेंट और सामथ्र्य को नुकसान पहुंचता है।

खेलों में भाई-भतीजावाद खत्म होने और चयन में पारदर्शिता आने का असर अंतर्राष्ट्रीय खेल मुकाबलों में मेडल के रूप में नजर आने का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान की राजनीति के शुद्धिकरण और हिंदुस्तान की सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए भी देश को इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलाकर योग्यता की तरफ बढ़ाना होगा। यह उनकी संवैधानिक और लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है।

मोदी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी सरकार की उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षो में उनकी सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के द्वारा आधार, मोबाइल जैसी आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए गलत हाथों में जाने वाले 2 लाख करोड़ रुपये को बचाकर उन्हें देश की भलाई में लगाने में कामयाब हुई है।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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