आईएलओ की बैठक - कोविड बाद हालात की होगी चर्चा
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन - आईएलओ की वार्षिक बैठक में भारत के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने जा रहे हैं। आईएलओ की बैठक में कोविड के बाद के बदले हालात में कार्यस्थिती को लेकर व्यापक चर्चा होगी।
![]() केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव |
भारत भी इस संबंध में अपने अनुभव और विचारों को बैठक में दुनिया के अन्य देशों के साथ साझा करेगा। लेकिन भारतीय कामगारों को दुनिया के अन्य देशों में भी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिले, इसे सुनिश्चित करने के लिए बैठक में शामिल होने आए देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता करना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता में रहने जा रहा है।
दरअसल, आईएलओ की यह बैठक ऐसे माहौल में हो रही है जब कोविड महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर कार्यस्थिति में व्यापक बदलाव आया है और इसे देखते हुए इसके अनुरूप नियमों में भी बदलाव करना आवश्यक हो गया है। इसे लेकर बैठक में व्यापक आधार पर चर्चा की जाएगी।
कोविड के बाद मार्केट और कार्यस्थिति में आए बदलाव, अप्रेंटिसशिप, फेयर ग्लोबलाइजेशन, बाहर जाने वाले भारतीय कामगारों के डिसेंट वर्क के अधिकार, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा जैसे विभिन्न पहलुओं पर भारतीय पक्ष भी अपने सुझावों और अनुभवों को बैठक में साझा करेंगे।
विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी भारत की उच्च प्राथमिकता में है। विदेशों में काम कर रहे भारतीयों की सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिहाज से भारत अब तक बेल्जियम, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, डेनमार्क, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, नीदरलैंड्स, हंगरी, फिनलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, पुर्तगाल और ब्राजील सहित अब तक 20 देशों के साथ द्विपक्षीय समझौता कर चुका है।
आईएलओ की बैठक के इतर भारतीय पक्ष दुनिया के कई अन्य देशों के साथ भी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए द्विपक्षीय बातचीत करने जा रहा है।
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