पीएम मोदी ने किया देश के सबसे बड़े ड्रोन फेस्टिवल का उद्घाटन, बोले- भारत में ग्लोबल ड्रोन हब बनाने की क्षमता

Last Updated 27 May 2022 12:37:23 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रगति मैदान में दो दिवसीय ‘भारत ड्रोन महोत्सव 2022’ का उद्घाटन किया।इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ड्रोन तकनीक को लेकर भारत में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, वह अद्भुत है।


मोदी ने किया ड्रोन फेस्टिवल का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि 2014 से पहले के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर ‘‘उदासीनता’’ का माहौल था और इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों और मध्यम वर्ग पर पड़ा।

प्रधानमंत्री ने यहां देश के सबसे बड़े ड्रोन महोत्सव के उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में ड्रोन प्रौद्योगिकी को लेकर जिस तरह का जोश देखा जा रहा है वह अद्भुत है और इस उभरते क्षेत्र में रोजगार पैदा होने की संभावनाओं का संकेत देता है।

उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पहले ‘‘ हमने सुशासन के नए मंत्रों को लागू करना शुरू किया और न्यूनतम सरकार तथा अधिकतम शासन के सिद्धांत पर चलते हुए जीवन की सुगमता और कारोबार की सुगमता को प्राथमिकता दी गयी। ’’



प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में प्रौद्योगिकी को समस्या का हिस्सा समझा जाता था और इन पर ‘‘गरीब विरोधी’’ का ठप्पा लगाने के प्रयास किए जाते थे।


उन्होंने कहा, ‘‘ इसके कारण 2014 से पहले के शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को लेकर ‘‘उदासीनता’’ का माहौल था और इसका सबसे ज्यादा असर गरीबों, वंचितों और मध्यम वर्ग पर पड़ा।’’

पीएम मोदी ने कहा, ”जब केदारनाथ के पुनिर्माण का काम शुरू हुआ था तो हर बार मेरे लिए वहां जाना संभव नहीं था। ऐसे में मैं ड्रोन के जरिए केदारनाथ के काम का निरीक्षण करता था। आज सरकारी कामों की गुणवत्ता को देखना है तो यह जरूरी नहीं है कि मुझे वहां निरीक्षण करने कि लिए जाना है।” उन्होंने कहा, ‘मैं ड्रोन भेज दूं तो जानकारी वह लेकर आ जाता है और उन्हें पता भी नहीं चल पाता है कि मैंने जानकारी ले ली है।”


प्रधानमंत्री के अनुसार प्रौद्योगिकी ने अंतिम छोर तक आपूर्ति सुनिश्चित करने में बहुत मदद की है। उन्होंने कहा कि पीएम स्वामित्व योजना इस बात का उदाहरण है कि कैसे ड्रोन प्रौद्योगिकी बड़ी क्रांति का आधार बन रही है और इसके जरिए पहली बार गांवों में सभी संपत्तियों की माप डिजिटल तरीके से की जा रही है और लोगों को संपत्ति कार्ड दिए जा रहे हैं।

 

 

भाषा
नई दिल्ली


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