चीन ने पाकिस्तान से कराची हमले के पीछे आतंकी संगठनों पर नकेल कसने को कहा

Last Updated 27 Apr 2022 03:58:24 PM IST

चीन के विदेश मंत्रालय ने कराची हमले को लेकर पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि चीन के लोगों का खून व्यर्थ नहीं बहाया जा सकता है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को इसकी कीमत चुकानी होगी।


चीन ने पाकिस्तान से आतंकी संगठनों पर नकेल कसने को कहा

मंगलवार दोपहर कराची विश्वविद्यालय के कन्फ्यूशियस संस्थान के बाहर एक लक्षित आत्मघाती बम (टागरेटिड सुसाइड बॉम्बिंग) विस्फोट में तीन चीनी नागरिकों और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई।

ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह इस बड़े आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है और बहुत आक्रोश व्यक्त करता है, पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता है और घायलों और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता है।

इसने कहा है कि पाकिस्तान में विदेश मंत्रालय और चीनी राजनयिक मिशन संबंधित पाकिस्तानी विभागों से इसके परिणाम से निपटने, घायलों का इलाज करने और इसमें शामिल आतंकवादी संगठनों पर सख्ती से कार्रवाई करने का आग्रह करते रहेंगे।

चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्पररी इंटरनेशनल रिलेशंस के राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञ ली वेई ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स से कहा कि निगरानी फुटेज को देखने से पता चलता है कि ये एक आत्मघाती हमला है। उन्होंने कहा कि यह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सामान्य सड़क के किनारे बमबारी की रणनीति से अपग्रेड एक मामला हो सकता है।

2021 से पहले, बीएलए ने आतंकी हमलों को शुरू करने के लिए सड़क किनारे बमों का अधिक इस्तेमाल किया था। लेकिन तब से, बीएलए ने आत्मघाती हमलावरों के रूप में बच्चों के उपयोग सहित अपने हमले के तरीकों को बदला है। ली ने कहा, यह शायद इसलिए है क्योंकि उन्हें अन्य दलों द्वारा समर्थित किया गया था।

विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी नागरिकों पर आतंकवादी हमले के पाकिस्तान में हाल के राजनीतिक परिवर्तनों से जुड़े होने की संभावना नहीं है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नेतृत्व में बदलाव के बाद से कुछ विरोध प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन स्थिति हाथ से नहीं निकली है।

चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस आतंकवादी हमले का मूल कारण यह है कि पाकिस्तान में आतंकवाद और धार्मिक उग्रवाद का विकास नहीं रुका है और जिस माहौल में आतंकवाद पनपता रहा है वह हमेशा से मौजूद रहा है।

लान्झू विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर अफगानिस्तान स्टडीज के निदेशक झू योंगबियाओ ने मंगलवार को ग्लोबल टाइम्स को बताया कि जिस तरह से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) एक महत्वपूर्ण अवधि में प्रवेश कर चुका है, कुछ अलगाववादी और चरम ताकतें, जो सोचते हैं कि सीपीईसी पाकिस्तान सरकार की एक उपलब्धि है, जो स्वतंत्रता की उनकी इच्छा के लिए हानिकारक होगी, इससे जुड़ी परियोजनाओं के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाते हैं।

झू ने कहा कि सीपीईसी अपने जटिल राजनीतिक और आर्थिक हितों के साथ विभिन्न धार्मिक समूहों और जातीय समूहों के बीच जटिल विवादों वाले क्षेत्रों के बीच चल रही है।

उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, पिछले साल अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी ने दक्षिण एशिया में सुरक्षा स्थिति को बहुत प्रभावित किया है। पिछले साल से पाकिस्तान में हमले बढ़े हैं और चीनी लोगों और कंपनियों को निशाना बनाने वाले हमले भी बढ़े हैं। झू ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी ताकतों को प्रोत्साहित और एकजुट किया गया है, जिससे देश में सुरक्षा की स्थिति और खराब हो गई है।

पाकिस्तान में चीनी दूतावास ने मंगलवार को चीनी नागरिकों, कंपनियों और परियोजनाओं को पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति पर पूरा ध्यान देने, सुरक्षा उपायों में सुधार करने और जब तक आवश्यक न हो बाहर नहीं जाने की को लेकर हिदायत दी।

पाकिस्तान ने सीपीईसी परियोजनाओं की सुरक्षा बढ़ा दी है, खासकर पिछले साल दसू हमले के बाद इसमें इजाफा किया गया है। हालांकि, कराची विश्वविद्यालय में कन्फ्यूशियस संस्थान जैसे सॉफ्ट टारगेट की सुरक्षा अन्य परियोजनाओं की तुलना में बहुत कम है।

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, इस बीच, विश्लेषकों ने कहा है कि आतंकवादी संगठनों ने महिला आत्मघाती हमलावरों को चुना है, जिनसे बच पाना आसान नहीं है।

चीनी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी के एक कार्यकारी, जिनका पाकिस्तान में व्यापक निवेश है, ने ग्लोबल टाइम्स को मंगलवार को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पाकिस्तान में उनकी परियोजनाओं में बहुत सख्त सुरक्षा मानक हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात नहीं की।

कंपनी के प्रवक्ता ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि मंगलवार के हमले के मद्देनजर, चाइना स्टेट कंस्ट्रक्शन ने न केवल वस्तुओं और उत्पादों को लेकर, बल्कि प्रौद्योगिकियों और संबंधित कर्मियों के बीच भी सुरक्षा समीक्षा शुरू की है और पाकिस्तान में कंपनी के संस्थान और परियोजनाएं सुरक्षित हैं।

यह कहते हुए कि फर्म चीनी कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, प्रवक्ता ने कहा, कंपनी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी सुरक्षा को अपग्रेड करेगी।

चाइना स्टेट कंस्ट्रक्शन ने चीन-प्रस्तावित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत कई प्रमुख परियोजनाओं में निवेश किया है, जिसमें पेशावर-कराची मोटरवे शामिल है, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत सबसे बड़ी परिवहन बुनियादी ढांचा परियोजना है।

आईएएनएस
बीजिंग


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment