आंखों के ऑपरेशन के बाद रोशनी चले जाने के मामले में चिकित्सक दोषी नहीं: आईएमए

Last Updated 04 Dec 2021 11:19:49 AM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियांबिंद ऑपरेशन के बाद कई लोगों की आंख की रोशनी चले जाने और आंख गंवाने के मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की जिला इकाई चिकित्सक को दोषी नहीं मान रही है।


(फाइल फोटो)

आईएमए ने स्पष्ट कहा कि इससे पहले भी चिकित्सकों ने कई ऑपरेशन किए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जिला इकाई ने शुक्रवार की शाम को आपात बैठक की। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ सी बी कुमार ने की।

बैठक के बाद अध्यक्ष डॉ. कुमार ने कहा कि इस पूरे घटना क्रम में चिकित्सक कहीं से दोषी प्रतीत नहीं हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, "संभव हो सकता है कि ऑपरेशन थियेटर को सही तरीके से स्ट्रेलाइज्ड नहीं किया गया था, जिस कारण एक शिफ्ट में हुए ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंख में संक्रमण हो गया। ओटी साफ और स्ट्रेलाइज्ड रखना अस्पताल प्रबंधन की जिम्मेदारी है न कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की।"

इस बैठक में बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित रहे। बैठक में चिकित्सकों ने आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन के बाद मरीजों की एक आंख निकालने की घटना से दुख व्यक्त किया।

बैठक में यह भी तय किया गया कि घटना की जांच की जाएगी। इस पूरे मामले की जांच के लिए डॉ एस पी सिन्हा, डॉ. अमरेंद्र झा, डॉ. रजी हसन और डॉ आनंद कुमार की टीम बनाई गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी।

उन्होंने कहा कि जांच के बाद आई रिपोर्ट राज्य इकाई को भेजी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन में लापरवाही के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चली जाने और जान बचाने के लिए 15 से अधिक मरीजों की आंख निकालने को लेकर सिविल सर्जन ने गुरुवार को ब्रह्मपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

उन्होंने अपने बयान में चिकित्सीय चूक के कारण मरीजों की आंख की रोशनी चली जाने और आंख निकाली जाने की बात कही है। इसमें अस्पताल ट्रस्ट के सचिव दिलीप जालान व प्रबंधक दीपक कुमार के अलावा ऑपरेशन करने वाले तीन डॉक्टर को नामजद आरोपी बनाया है।
 

आईएएनएस
मुजफ्फरपु


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment