बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी पिता की ही : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 02 Dec 2021 01:54:12 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि पति एवं पत्नी के बीच झगड़े में पिता पर बच्चे के देखरेख की जिम्मेदारी उसके बालिग होने तक होती है।


बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी पिता की ही : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत परिवार अदालत द्वारा पति एवं पत्नी को तलाक के आदेश की पुष्टि की अपनी विशेष शक्ति का इस्तेमाल किया।

इससे पहले हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि बच्चे को पिता देखरेख के लिए 50 हजार रुपये का भुगतान करें। इसने कहा कि अलग हो चुके दंपति मई 2011 से ही साथ नहीं रह रहे हैं और इसलिए यह कहा जा सकता है कि उनके विवाह को बचाया जाना मुश्किल है।

न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा, इसलिए मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए और भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए परिवार अदालत द्वारा पारित आदेश जिसकी हाईकोर्ट ने पुष्टि की उसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।

साथ ही इसने कहा कि पति सेना का अधिकारी है और उसे बेटे के बड़े होने तक उसकी देखरेख की जिम्मेदारी से छूट नहीं दी जा सकती है। पीठ ने कहा, पति और पत्नी में चाहे जो भी विवाद हो लेकिन बच्चे को पीड़ित नहीं होने दिया जा सकता है।

बच्चे के बड़े होने तक उसकी देखभाल करने की पिता की जिम्मेदारी जारी रहेगी। इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता कि बेटे की देखरेख पिता की हैसियत के मुताबिक होनी चाहिए।

भाषा
नई दिल्ली


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