हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित
विरोधी दलों के लगातार हंगामें की वजह से लोक सभा की कार्यवाही को बुधवार को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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स्थगन से पहले हंगामे के बीच ही केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) संशोधन विधेयक, 2021 को लोकसभा में पेश कर दिया।
इसके पहले सुबह में लोक सभा की कार्यवाही शुरू होते ही विरोधी दलों ने राज्य सभा सांसदों के निलंबन के मसले पर हंगामा करना शुरू कर दिया था। हंगामे के बीच स्पीकर ने प्रश्नकाल चलाने की कोशिश की।
लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा करने वाले सांसदों पर नाराजगी जताते हुए सांसदों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील की। लेकिन विरोधी दलों का हंगामा जारी रहा और इसे देखते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था।
2 बजे लोकसभा में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया। इस हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोधी दलों के नेताओं ने मंगलवार को संसद भवन में गांधी प्रतिमा पर धरना देकर निलंबन को वापस लेने की मांग की । राज्य सभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन को नियम विरुद्ध बताते हुए कहा कि इसके विरोध में विरोधी दलों ने आज राज्य सभा की कार्यवाही का बॉयकॉट करने का फैसला किया है। उन्होंने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए सांसदों के निलंबन को वापस लेने की मांग की।
धरने में शामिल हुई शिवसेना सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि जनता के मुद्दे उठाना और सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना अगर अलोकतांत्रिक है, संसदीय नियमों के खिलाफ है तो उन्हें ऐसे 100 निलंबन कबूल है।
सदन स्थगित होने के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने लोकसभा से वाकआउट किया है।
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