Parliament Session: विपक्ष के भारी हंगामें के बीच दोनों सदनों से पास हुआ कृषि कानून वापसी बिल

Last Updated 29 Nov 2021 12:15:44 PM IST

राज्यसभा में भारी नारेबाजी के बीच सोमवार को कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 को पारित कर दिया गया। विधेयक को दो घंटे पहले लोकसभा में पारित किया गया था।


दोपहर 2 बजे जब राज्यसभा की बैठक हुई तो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में प्रस्ताव पेश किया।

इससे पहले लोकसभा में विरोधी पार्टियों के हंगामे के बीच सोमवार को कृषि कानूनों की वापसी से जुड़ा विधेयक - कृषि कानून निरसन विधेयक-2021 पारित हो गया।

विपक्ष ने बिना चर्चा के विधेयक पारित करवाने को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया तो वहीं सरकार ने विपक्ष पर जानबूझकर हंगामा करने और सदन की कार्यवाही को बाधित करने का आरोप लगाया।

बिल पारित होने के बाद एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि "यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है। सरकार मन की बात करती है लेकिन जन की बात से भागती है।"

लोक सभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि "सरकार डर के कारण चर्चा से भाग गई । उन्होंने कहा कि विरोधी दल सरकार से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे थे । हम चाहते थे कि कृषि कानूनों की वापसी वाले विधेयक पर चर्चा हो ताकि हम एमएसपी पर, किसानों को मुआवजे पर और किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अपनी बात कह सकें, लेकिन सरकार ने बिना चर्चा के ही बिल को पारित करवा दिया।"

विपक्ष के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि "बड़ा दिल दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने किसान संगठनो की मांग मान कर इसे वापस लेने का फैसला किया। विपक्ष भी तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहा था। हम उनकी भी बात मान कर कृषि कानूनों की वापसी का यह बिल लेकर आए थे। सरकार आज ही इसे लोक सभा और राज्य सभा से भी पारित करवा कर एक संदेश देना चाहती है। लेकिन विपक्ष ने इसे रोकने की कोशिश की और वो लगातार हंगामा करते रहे।"

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष ये बताए कि आखिर उनकी मंशा क्या है ? उन्होंने विरोधी दलों से राज्य सभा में इस बिल को पारित करवाने में सहयोग की अपील भी की।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने विपक्ष पर जानबूझकर संसद में व्यवधान उत्पन्न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। ये मुद्दाविहीन राजनीति कर रहे हैं और संसद को चलने नहीं देना चाहते हैं।

न्यूज एजेंसी से बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार जब इन तीनों कृषि कानूनों को वापस ले रही है तब भी हंगामा करने का कोई मतलब नहीं बनता है। उन्होंने एमएसपी को लेकर विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चर्चा की मांग करने वाली कांग्रेस तो हमेशा चर्चा से भागती ही रही है। जब भी चर्चा होती है तो ये बॉयकॉट कर देते हैं।

इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही पांच नए सदस्यों ने सोमवार को राज्यसभा में शपथ ली। पांच में से तीन सदस्य द्रमुक से हैं और एक-एक कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस से हैं।

सभी नए सांसदों ने अपनी मातृभाषा में शपथ ली। कांग्रेस के टिकट पर महाराष्ट्र से चुनी गईं रजनी पाटिल ने मराठी में शपथ ली। पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर चुने गए लुइजिन्हो फलेरियो ने गोवा से होने के कारण कोंकणी में शपथ ली।

डीएमके के तीन सदस्यों ने तमिल में शपथ ली। इन सदस्यों में कनिमोझी एन.वी.एन. सोमू, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला और के.आर.एन. राजेश कुमार शामिल हैं।

सदन ने दिवंगत सांसदों ऑस्कर फर्नाडीस को भी श्रद्धांजलि दी, जो मौजूदा सदस्य थे। पूर्व सांसद -- के.बी. शनप्पा, चंदन मित्रा, हरि सिंह नलवा, मोनिका दास अबानी रॉय और अन्य का भी सत्रों के बीच में निधन हो गया था, उन्हें भी याद किया गया।

सदन ने दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी और सम्मान स्वरूप दो मिनट का मौन रखा।

कांग्रेस के मौजूदा सांसद ऑस्कर फर्नाडिस की याद में राज्यसभा की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई, जिनका हाल ही में बीमारी के कारण निधन हो गया था।

 

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment