सालभर में छह लाख वारदात में 37 सौ करोड़ उड़ाए बदमाशों ने
देश भर में पूरे साल हुई छह लाख से ज्यादा वारदात में अपराधियों ने करीब 37 सौ करोड़ रु पए के माल पर हाथ साफ कर दिया।
![]() सालभर में छह लाख वारदात में 37 सौ करोड़ उड़ाए बदमाशों ने |
इन तमाम वारदात में से पौने पांच लाख से ज्यादा मामले केवल चोरी और सेंधमारी के सामने आए हैं जिन्हें अंजाम देकर गुनाहगार 32 सौ करोड़ रु पए कीमत का माल उड़ाने में कामयाब रहे। देश भर की पुलिस इसमें से 68 फीसद माल तो बरामद ही नहीं कर पाई है। देश भर में जहां माल बरामद करने का औसत 32 फीसद रहा, वहीं राजधानी दिल्ली की पुलिस सबसे निचले पायदान पर खड़ी नजर आई। वह केवल दस फीसद माल ही बरामद करने में सफल हुई।
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी साल 2020 में हुई वारदात के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं। इनमें बताया गया है कि इस साल देश भर में चोरी, सेंधमारी, लूट और डकैती जैसी कुल 6.08 लाख वारदात दर्ज की गई थी। इनमें अपराधियों ने 3678 करोड़ रु पए की संपत्ति पर हाथ साफ कर डाला। लेकिन एक ही अपराधी की धरपकड़ से दर्जनों वारदात को सुलझाने का दावा करने वाली विभिन्न राज्यों की पुलिस इसमें से महज 1185 करोड़ का माल ही बरामद करने में सफल हुई।
बेहतरीन तफ्शीस करके करीब 94 फीसद माल बरामद कर जहां लद्दाख पुलिस पहले नंबर पर रही। वहीं केवल तमिलनाडु, उत्तराखंड, तेलंगाना, अंडमान, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश पुलिस ही उन राज्यों में शुमार हैं जहां पचास फीसद से ज्यादा माल बरामद किया गया। लेकिन खास बात यह है कि देश की राजधानी दिल्ली की पुलिस महज 10 फीसद माल ही बरामद कर पाई।
वारदात को अंजाम देकर माल साफ करने के कुल मामलों में 4.93 लाख मामले केवल चोरी के और 86 हजार से ज्यादा मामले सेंधमारी के दर्ज किए गए। इन वारदात में अपराधी 3212 करोड़ रु पए की संपत्ति उड़ाने में सफल हुए। चोरी की वारदात में भी सबसे ज्यादा पौने दो लाख घटनाएं घरों के भीतर अंजाम दी गई। जबकि करीब डेढ़ लाख वारदात रोडवेज यानी सार्वजनिक बसों में तो सवा लाख से ज्यादा सड़कों पर दर्ज की गई हैं। देश भर के धार्मिंक स्थलों में हुई करीब सात हजार वारदातों में गुनहगारों ने करीब पचास करोड़ रु पए की संपत्ति पर हाथ साफ कर दिया। दर्ज वारदात में भी 104 घटनाएं जघन्य अपराधों की श्रेणी में शुमार डकैती और लूट की रही।
चोरी होने वाली वस्तुओं की बात करें तो सबसे ज्यादा मामले वाहन चोरी से जुड़े हैं। 2020 में अपराधियों ने कुल 195469 वारदात को अंजाम देकर 1128 करोड़ रु पए कीमत के वाहनों पर हाथ साफ कर दिया। देश भर की पुलिस इनमें से महज 368 करोड़ रु पए कीमत के 48267 वाहन ही बरामद कर पाई। वाहन चोरी के मामलों में भी 166980 मामले स्कूटर और बाइक चोरी के हैं। इनमें से भी सवा लाख से ज्यादा वाहन बरामद ही नहीं किए जा सके। चोरी होने वाली वस्तुओं में दूसरा और तीसरा नंबर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और मोबाइल फोन का रहा। चोरों ने देश भर में जहां 1.40 लाख इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स उड़ाए वहीं 1.15 लाख मोबाइलों पर भी हाथ साफ कर दिया। चोरी हुए कुल 2.55 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और मोबाइल में से पुलिस दो लाख को बरामद ही नहीं कर सकी जिनकी कुल कीमत करीब 295 करोड़ रु पए थी।
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