अब नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर!
वैश्विक महामारी कोरोना की चाल में हर दिन सुस्ती दर्ज की जा रही है।
अब नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर! |
एम्स, आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने देश में कोविड की तीसरी लहर की संभावनाओं को खारिज करते हुए कहा कि बीते 45 दिनों के आंकड़ों पर यदि गौर किया जाए तो टीकाकरण में तेजी दर्ज की जा रही है, हम एक अरब के जादुई आंकड़े को छूने के करीब है। टेस्टिंग की चाल भी तेज है, लेकिन इन सबके बावजूद मृत्युदर, संक्रमण दर में तेजी से कमी दर्ज की जा रही है, दिल्ली समेत कुछ राज्यों में मृत्युदर के आंकड़े शून्य दर पर दर्ज किए जा रहे हैं। अक्टूबर महीना आधा से ज्यादा बीत चुका है नवम्बर को हम वाहक के रूप में देख सकते हैं लेकिन हम यह दावा करते हैं कि अब कोरोना की तीसरी लहर की फिलहाल कोई संकेत नहीं मिल रहे है।
नया वेरिएंट नहीं : एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया के अनुसार अक्टूबर के मध्य तक जीनोम सिक्वेंसिंग और दूसरे अन्य अध्ययनों से पता चला कि वायरस के म्यूटेशन होने का कोई संकेत नहीं है और न ही कोई नया रूप सामने आया है। फिर भी हमने सरकार और नागरिकों से अगले साल फरवरी तक कोविड नियमों का पूरी तरह पालन करने का अनुरोध किया है। उम्मीद है उस वक्त तक 85 फीसद से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लग चुका होगा। सार्स-कोव-2 के जीनोम सिक्वेंसिंग के नोडल अधिकारी डा. वी रवि का कहना है कि स्टडी से पता चलता है कि कोरोना का संक्रमण डेल्टा वेरिएंट तक ही सीमित है। अधिकतम लोगों को टीका लगाया जा चुका है और वायरस कमजोर हुआ है। इसके म्यूटेशन की भी आशंका कम हुई है।
नए वेरिएंट की आशंका कम : नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक डा. एचएस कार ने कहा कि दक्षिण अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका तक सीमित एमयू और सी. 1.2 जैसे नए वेरिएंट के भारत में आने की संभावना नहीं है। डा. रवि ने कहा कि यदि कोई नया वेरिएंट आता भी है तो यह डेल्टा और डेल्टा प्लस की तरह घातक नहीं होगा। यही वेरिएंट दूसरे लहर का कारण था
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