केंद्रीय मंत्री का आश्वासन- नहीं होगा कोयला संकट, बिजली संयंत्रों को बढ़ाई गई कोयले की आपूर्ति

Last Updated 13 Oct 2021 04:27:17 PM IST

कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि ताप बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति मंगलवार को सामूहिक रूप से 20 लाख टन को पार कर गई है। उन्होंने दावा किया कि बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाई गई है।


देश के विभिन्न बिजली संयंत्र इस समय कोयले की कमी से जूझ रहे हैं।

जोशी ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘‘मुझे यह बात साझा करते हुए खुशी हो रही है कि सभी स्रोतों से ताप बिजली घरों को कोयले की आपूर्ति मंगलवार को 20 लाख टन से अधिक हो गई है। हम बिजली संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के लिए कोयले की आपूर्ति बढ़ा रहे हैं।’’

कोल इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले दो दिन के दौरान बिजली स्टेशनों को कोयले की आपूर्ति पहले ही 16.2 लाख टन को पार कर गई है। वहीं कोयले का कुल उठाव 18.8 लाख टन हो गया है। जबकि इसका मासिक औसत 17.5 लाख टन है।

इसके अलावा कोल इंडिया ने पिछले दो दिन के दौरान अपना उत्पादन भी बढ़ाकर 16 लाख टन किया है। कंपनी ने कहा है कि दशहरा के बाद उसका उत्पादन और बढ़ेगा, क्योंकि श्रमिक उस समय छुट्टियों के बाद काम पर लौटेंगे।

इससे पहले जोशी ने मंगलवार को कहा था कि सरकार बिजली उत्पादकों की मांग को पूरा करने का भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा था कि कोयले की आपूर्ति को बढ़ाकर 20 लाख टन प्रतिदिन किया जाएगा, जो अभी 19.5 लाख टन है।

मंगलवार को, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कोयला आपूर्ति और बिजली उत्पादन की स्थिति की समीक्षा की, क्योंकि सरकार कई राज्यों में ऊर्जा संबंधी संकट को कम करने के तरीकों पर विचार कर रही है।

सूत्रों ने पहले कहा था कि कोयला मंत्रालय को कोयले की आपूर्ति में तेजी लाने के लिए कहा गया है, जबकि रेलवे को कोयला ईंधन, बिजली संयंत्रों तक पहुंचाने के लिए रेक उपलब्ध कराने को कहा गया है।

कोयले की कमी ने राजस्थान से लेकर केरल तक राज्यों को अलग-अलग समय में बिजली कटौती करने को मजबूर किया है।

कोयले से चलने वाले लगभग दो-तिहाई बिजली संयंत्रों में एक सप्ताह या उससे कम समय का भंडार था, लेकिन कोयला मंत्रालय ने पहले कहा था, ‘‘बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई भी डर पूरी तरह से गलत है’’।

मांग को पूरा करने के लिए राज्यों को एक्सचेंजों से ऊंची दरों पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

भाषा
नई दिल्ली


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