भाजपा ने दिया पूरा सम्मान, लेकिन अति महत्वाकांक्षा के कारण आर्य ने छोड़ी पार्टी - भाजपा
उत्तराखंड में एक के बाद एक लगातार तीन विधायकों को पार्टी में शामिल करवा कर भाजपा ने यह साबित करने की कोशिश कर रही थी कि उत्तराखंड में भाजपा की लहर चल रही है, लेकिन सोमवार को कांग्रेस ने भाजपा को एक बड़ा झटका दे दिया।
![]() यशपाल आर्य (फाइल फोटो) |
प्रदेश की पुष्कर धामी सरकार के कद्दावर मंत्री यशपाल आर्य ने सोमवार को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में अपने विधायक बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस का दामन थाम कर मिशन विस्तार में लगी भाजपा को बड़ा झटका दे दिया है।
यशपाल आर्य उत्तराखंड के बड़े दलित नेता माने जाते हैं और उनके भाजपा छोड़ने के बाद प्रदेश में एक बार फिर से दलित राजनीति का मुद्दा उठना तय माना जा रहा है।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए उत्तराखंड भाजपा के एक और बड़े दलित चेहरे, पूर्व केंद्रीय मंत्री और वर्तमान में प्रदेश की अल्मोड़ा लोकसभा सीट से सांसद अजय टम्टा ने इसे महत्वकांक्षाओं का नतीजा करार दे दिया।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा सांसद अजय टम्टा ने कहा कि भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी ने उनका पूरा सम्मान किया । सरकार बनने के बाद से वो लगातार राज्य सरकार में मंत्री रहे । यहां तक कि उनके बेटे को भी विधायक बनाया गया लेकिन इसके बावजूद भी उनके पार्टी छोड़ने का एक ही मतलब निकलता है उनकी अति महत्वाकांक्षा।
आपको बता दें कि, एक जमाने में कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश अध्यक्ष रह चुके यशपाल आर्य 2012 में कांग्रेस के बहुमत प्राप्त करने के बाद दलित नेता और प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार थे, लेकिन उस समय कांग्रेस आलाकमान ने पहले विजय बहुगुणा और बाद में हरीश रावत को प्रदेश में मुख्यमंत्री बनाया।
2017 के पिछले विधान सभा चुनाव से पहले यशपाल आर्य भाजपा में शामिल हुए थे और त्रिवेंद्र रावत, तीरथ सिंह रावत और वर्तमान धामी सरकार में लगातार मंत्री रहे और अब 2022 विधान सभा चुनाव से कुछ महीने पहले आर्य ने भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया।
दरअसल , उत्तराखंड में सरकार बनाने में दलित मतदाताओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। प्रदेश की 70 में से 13 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं और इसके साथ ही उत्तराखंड में दलित 22 विधान सभा सीटों पर जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
तो क्या यशपाल आर्य के भाजपा छोड़ने का असर पड़ेगा , सवाल के जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि दलितों के साथ-साथ हर वर्ग के मतदाता भाजपा के साथ हैं और हम दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं।
आईएएनएस से बातचीत करते हुए भाजपा के एक अन्य बड़े नेता ने बताया कि पार्टी को इसका अंदेशा था कि यशपाल आर्य पार्टी छोड़ने जा रहे हैं और पार्टी ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की लेकिन उन्होंने आखिरकार अपना फैसला कर लिया और इस पर पार्टी क्या कर सकती है। जहां तक राज्य में होने वाले विधान सभा चुनाव पर असर का सवाल है, भाजपा शानदार जीत के साथ राज्य में दोबारा सरकार बनाने जा रही है।
हालांकि सूत्रों की मानें तो 5 साल पहले कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए कई बड़े नेता अभी भी नाराज चल रहे हैं और आने वाले दिनों में वो भी कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। इन नाराज नेताओं को मनाने की भाजपा की कोशिश लगातार जारी है।
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