Monsoon Session: संसद में विपक्ष का हंगामा, राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित

Last Updated 22 Jul 2021 11:39:39 AM IST

संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों में आज भी हंगामा जारी है। विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई जबकि लोकसभा को शाम 4 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है।


तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण गुरूवार को लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न चार बजे तक स्थगित कर दी गयी।      

सदन में आज भी प्रश्नकाल बाधित हुआ और हंगामे के बीच ही सरकार ने दो विधेयक पेश किये। संसद के मॉनसून सत्र के शुरुआती दो दिन भी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण निचले सदन में कामकाज नहीं हो सका। 

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर गुरूवार को लोकसभा में हंगामा किया जिस कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। 

सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। कांग्रेस सदस्यों ने ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगाए। उन्होंने तख्तियां हाथ में ले रखी थीं। इनमें से एक तख्ती पर ‘अन्नदाता का अपमान बंद करो, तीनों कृषि कानून रद्द करो’ लिखा था।    

कांग्रेस के सदस्यों ने ‘काले कानून वापस लो’ के नारे लगाए। उन्होंने तख्तियां हाथ में ले रखी थीं। इनमें से एक तख्ती पर ‘अन्नदाता का अपमान बंद करो, तीनों कृषि कानून रद्द करो’ लिखा था।      

सदन में नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘यह सदन चर्चा और संवाद के लिए है। आपको जनता ने तख्तियां दिखाने और नारेबाजी करने के लिए नहीं भेजा है। आप मुद्दे उठाएं, चर्चा करें और जनता की समस्याओं के समाधान का प्रयास करें। आपको चर्चा करने का पूरा समय मिलेगा।’’      

बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘तख्तियां दिखाना और नारेबाजी करना है तो आप सदन से बाहर चले जाएं। यह उचित नहीं है।’’      

सदन में हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने सुबह करीब 11.10 बजे लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

लोकसभा में आवश्यक रक्षा सेवा और अंतर्देशीय पोत विधेयक पेश

 सदन की बैठक दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर कार्यवाही चलने देने की अपील की।      

महताब ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है कि वह हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार है।      संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष के सदस्य कार्यवाही को अवरुद्ध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार कोविड समेत हर विषय पर चर्चा को तैयार है।      

हंगामे के बीच ही पोत परिवहन मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने अंतर्देशीय जलयान विधेयक, 2021 पेश किया। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021 पेश किया।    

आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021 को पेश किये जाने का विरोध करते हुए कहा कि इसमें कर्मचारियों की हड़ताल रोकने का प्रावधान है जो संविधान में मिला मौलिक अधिकार है।   उन्होंने कहा कि यह विधेयक कामगार वर्ग के लोकतांत्रिक अधिकारों को समाप्त करने वाला है और सदन में व्यवस्था नहीं होने पर इस विधेयक को पेश नहीं कराया जाना चाहिए।  शोर-शराबे के बीच ही भट्ट ने विधेयक पेश किया।      

पीठासीन सभापति महताब ने आसन के समीप आकर प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से एक बार फिर सीटों पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ, जिसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया।      

बैठक अपराह्न दो बजे शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्य सुबह की तरह ही नारेबाजी करने लगे। पीठासीन सभापति महताब ने उनसे अपने स्थानों पर जाने और कार्यवाही चलने देने का अपना आग्रह दोहराया। हालांकि हंगामा नहीं थमा और पीठासीन सभापति ने कार्यवाही अपराह्न चार बजे तक स्थगित कर दी।

हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित

राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि विपक्षी सदस्यों ने पेगासस परियोजना, किसानों के विरोध और मीडिया घरानों पर छापे पर चर्चा के लिए कार्य को स्थगित करने की मांग की।

हंगामे के कारण सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अिनी वैष्णव ‘‘पेगासस विवाद’’ पर अपना बयान ढंग से नहीं दे सके। उन्हें इसे सदन के पटल पर रखना पड़ा। हंगामे की वजह से शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं चल सके।    

दोपहर 2 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई। दो संक्षिप्त स्थगन के बाद, विपक्षी सदस्यों ने पेगासस परियोजना के मुद्दे पर आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को सदन में बयान देने नहीं दिया। इससे पहले उन्हें बयान देने के लिए कहा गया था, लेकिन व्यवधान के बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन को शुक्रवार के लिए स्थगित कर दिया।

सुबह राज्यसभा की बैठक के तुरंत बाद कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह पेगासस प्रोजेक्ट और मीडिया घरानों पर छापेमारी का मुद्दा उठाना चाहते थे, लेकिन सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी और इसके बाद विपक्षी सांसद अपनी सीटों से खड़े हो गए और इन मुद्दों को उठाने की मांग की।

विपक्ष ने गुरुवार को स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार के खिलाफ 'गलत जानकारी देकर संसद को गुमराह करने' के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव नोटिस दिया था। उन्होंने कहा था कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई थी।

भाषा/आईएएनएस
नई दिल्ली


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