राष्ट्र विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन, कानूनी रास्ते से लड़ेंगे : अमरिंदर

Last Updated 28 Sep 2020 07:24:03 PM IST

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज संकल्प लिया कि केंद्र के ‘शरारतपूर्ण‘ और ‘राष्ट्र विरोधी‘ कृषि कानूनों के खिलाफ संवैधानिक व कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और केंद्र सरकार के ‘नापाक मंसूबों‘ से किसानों की रक्षा के लिए जो बन पड़ेगा, करेंगे।


पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह

चंडीगढ़ व उससे पूर्व खट्कड़ कलां में मीडिया से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि वह वकीलों से सलाह कर रहे हैं असंवैधानिक कानूनों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए। उन्होंने कहा कि कानूनों के खिलाफ लड़ाई  आंदोलन से लेकर कानूनी रास्ते से साथ-साथ लड़ी जाएगी और केंद्र पर अपना फैसला बदलने का दबाव डाला जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि वह नहीं चाहते कि पंजाब के युवा और किसान अपने जीने के अधिकार को बचाने के लिए हथियार उठाएं और चेतावनी दी कि नये कानून सीमाई राज्य पंजाब की सुरक्षा खतरे में डाल सकते हैँ क्योंकि पाकिस्तान हमेशा यहां समस्या पैदा करने के अवसर ढूंढता रहता है।
 
कैप्टन ने कहा कि पंजाब ने अतीत में आतंकवाद के समय में 35000 जानें गंवाई हैं और किसान अशांति दूसरे राज्यों में फैली तो पूरे देश पर आईएसआई का खतरा मंडराने की आशंका है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित ताकतें भारत में आक्रोश का फायदा उठाने की कोशिश करेगा। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में हाल के महीनों में 150 आतंकवादी हथियारों व गोलाबारूद के साथ पकड़े गये हैं। उन्होंने कहा कि वह किसीको प्रदेश के शांतिपूर्ण माहौल को खराब नहीं करने देंगे, जो कि नये कानूनों से आशंका है।

इस अवसर पर कांग्रेस महासचिव और प्रदेश में पार्टी के मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि नये कृषि कानूनों के खिलाफ दो करोड़ हस्ताक्षर जुटाने का एक अभियान 2 अक्तूबर से शुरू किया जाएगा और यह हस्ताक्षर राष्ट्रपति को 14 नवंबर को सौंपे जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि विधेयकों के खिलाफ लड़ाई को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए किसान सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

वार्ता
चंडीगढ़


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