वायुसेना प्रमुख ने पूर्वी क्षेत्र में अभियान तैयारियों की समीक्षा की

Last Updated 03 Sep 2020 06:27:02 PM IST

भारतीय वायुसेना के प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया ने पूर्वी वायु (सेना) कमान के तहत आने वाले मुख्य ठिकानों का बुधवार को दौरा किया। साथ ही, चीन के साथ सीमा पर तनाव बढने के मद्देनजर अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रणरेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की भी समीक्षा की।


भारतीय वायुसेना के प्रमुख आर. के. एस. भदौरिया

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इलाके में सामरिक रूप से महवपूर्ण कुछ खास स्थानों पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके में उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए वायुसेना के जांबाज जवानों से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है।            

वायुसेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय शिलांग में है, जो सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों और क्षेत्र के कई अन्य हिस्सों में हवाई रक्षा की जिम्मेदारी संभालता है।       

वायुसेना के प्रवक्ता ने वायुसेना के ठिकानों के नामों का उल्लेख किये बगैर कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बुधवार को पूर्वी वायु (सेना) कमान में अग्रिम एयर बेस का दौरा किया।’’      

थल सेना और वायुसेना ने करीब 3,400 किमी लंबी एलएसी पर सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढा दी है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया है।       

वायुसेना प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना प्रमुख को कमान के तहत लड़ाकू इकाइयों की ‘‘तैयारियों की स्थिति’’ और अभियानगत तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया।       

अधिकारी ने कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इन इकाइयों में सेवारत वायुसेना के जांबाज जवानों से भी अपने दौरे पर बातचीत की। उन्होंने सभी भूमिकाओं के निर्वहन में वायुसेना ठिकाने के कर्मियों के लक्ष्य केंद्रित प्रयासों की भी सराहना की और उनसे पूरी कर्मठता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को कहा। ’’      

पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की कोशिश के बाद, भारतीय थल सेना ने इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों पर कब्जा किया है, जहां से चीन के महत्वपूर्ण मोचरें पर नजर रखी जा सकती है।           

मई की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने से उपजे सीमा विवाद के बाद से वायुसेना प्रमुख नियमित रूप से एलएसी से लगे वायु सेना के अहम ठिकानों का दौरा कर रहे हैं।       

जून में भदौरिया ने वायुसेना की संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा के लिये बल के लद्दाख और श्रीनगर स्थित ठिकानों का दौरा किया था।       

पिछले दो महीने में वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अहम सीमांत एयर बेसों पर अग्रिम मोच्रे के अपने लगभग सभी श्रेणी के लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान शामिल हैं।       

वायुसेना ने अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और सैनिकों को क्षेत्र में विभिन्न अग्रिम स्थानों पर पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किये हैं।       

वायुसेना के विमान रात में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवाई गश्त कर रहे हैं , जो संभवत: चीन को यह संदेश देने के लिये है कि यह इस पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये तैयार है।       

सोमवार को, थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथा स्थिति में एकतरफा बदलाव करने के इरादे से उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की, लेकिन उसकी यह कोशिश भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दी।       

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक दिन पहले उकसाने वाली हरकत की थी ।उस समय दोनों पक्षों के कमांडर तनाव दूर करने के लिये वार्ता कर रहे थे।

भाषा
नयी दिल्ली


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