अनुच्छेद 370 हटने की वर्षगांठ पर भाजपा ने 1951 से 2019 तक के प्रस्ताव जारी किए

Last Updated 07 Aug 2020 12:32:16 AM IST

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के एक साल पूरे होने पर भाजपा ने जनसंघ के जमाने से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक के प्रस्तावों और संकल्पों को जारी किया है।


भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल

भाजपा ने पार्टी के सभी आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इन प्रस्तावों को जारी कर बताया है कि पार्टी अपने सभी संकल्पों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी का मानना है कि अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नया युग शुरू हुआ है। भाजपा प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, जम्मू-कश्मीर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए संघर्ष करते ही जनसंघ संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जीवन बलिदान कर दिया था। भाजपा ने उनके एक देश, एक विधान, एक निशान के संकल्प को पिछले साल पांच अगस्त को पूरा कर दिखाया। जनसंघ के जमाने से चली आ रही मांग को पूरा कर भाजपा ने राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर अपनी दृढ़ता दिखाई है।

1951 से 2019 के लोकसभा चुनाव तक जनसंघ और भाजपा की ओर से कुल नौ अहम मौकों पर अनुच्छेद 370 हटाने की बात की गई थी। भाजपा ने 21 अक्टूबर, 1951 को जनसंघ की ओर से तैयार प्रस्ताव को जारी किया है, जिसमें कहा गया था, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग होने के कारण तथा संयुक्त राष्ट्र में इसके प्रति अपनाए हुए रुख को ध्यान में रखते हुए जनसंघ अनुभव करता है कि कश्मीर के प्रश्न को संयुक्त राष्ट्र संघ से अविलंब वापस ले लेना चाहिए।



वहीं 1957 के लोकसभा चुनाव के घोषणा-पत्र में जनसंघ ने कहा था कि सत्ता में आने पर जम्मू-कश्मीर को सदा के लिए सुरक्षित बनाने के लिए अनुच्छेद 370 को समाप्त किया जाएगा।

15 जनवरी, 1966 को भारतीय जन संघ की केन्द्रीय कार्यसमिति ने भी एक प्रस्ताव पारित कर कहा था, संविधान के अस्थायी अनुच्छेद 370 के आधार पर जम्मू-कश्मीर का पृथक कानून बना है, वह एकीकरण के रास्ते में बाधा है। इसने जम्मू-कश्मीर और शेष भारत के लोगों के बीच एक मनोवैज्ञानिक रुकावट पैदा कर रखी है।

जनसंघ के बाद भाजपा का गठन होने के बाद भी अनुच्छेद 370 हटाने की मांग चलती रही। 1984 के चुनावी घोषणा-पत्र में भाजपा ने कहा था, भारतीय जनता पार्टी देश की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रतिबद्ध है। वह मानती है कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा भारत एक है तथा भाषा, जाति और सम्प्रदाय के भेदभाव के बगैर सभी भारतीय एक हैं।

इसी तरह भाजपा ने 1989, 1991, 1996 के चुनावों में जारी घोषणा-पत्र में भी कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने की बात कही थी। भाजपा ने तब कहा था कि संविधान का 'अस्थायी' अनुच्छेद 370 मनोवैज्ञानिक रूप से जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से अलग करता है।

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़े गए 2014 के चुनाव के जारी संकल्प पत्र में भाजपा ने कहा था कि सरकार बनने पर इस राज्य के तीन हिस्सों जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के समान और तीव्र विकास के एजेंडे को लागू किया जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फिर संकल्प पत्र में यही बात कही। प्रचंड बहुमत से दूसरी बात केंद्र में आई मोदी सरकार ने आखिरकार पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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